VIDEO: स्कूल में घंटों कैद में तीन साल का मासूम, वीडियो वायरल के बाद हरकत में आई प्रशासन; अध्यापिका निलंबित
उत्तर प्रदेश के इस जिले में एक प्राथमिक विद्यालय में एक तीन साल के बच्चे को चैनल गेट में बंद कर दिया गया था। यह मामला संज्ञान में तब आया जब इसका वीडियो सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्मों पर वायरल होने लगा। इसके बाद विभागीय अफसरों ने पूरे मामले की जांच की। जांच में आश्चर्य करने वाला सच सामने आया।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्राथमिक विद्यालय लोहरा मेजा में एक तीन वर्ष के बच्चे के चैनल गेट में बंद होने का वीडियो प्रसारित हुआ। इसकी भनक विभागीय अफसरों को लगी तो उन्होंने वीडियो की सच्चाई का पता लगाया तो प्रकरण सोमवार के होने की पुष्टि हुई। इस प्रकरण में सहायक अध्यापिका जूली कुमारी को निलंबित कर दिया गया है।
संविदा समाप्त करने की चेतावनी
बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी कौंधियारा अरुण कुमार अवस्थी को जांच अधिकारी बनाया है। प्रकरण में शिक्षामित्र ललिता सिंह का मानदेय रोकते हुए भविष्य में घटना की पुनरावृत्ति पर संविदा समाप्त करने की चेतावनी दी गई है।
बच्चा बंद होने का वीडियो हुआ वायरल
बीएसए ने बताया कि विद्यालय में बच्चा बंद होने का वीडियो इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रसारित हुआ। प्रकरण की जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी मेजा को कहा गया। उनसे रिपोर्ट भी मांगी गई।
मासूम को स्कूल में ही बंद कर निकल लिए शिक्षक और कर्मचारी। वीडियो में डरा सहमा सा दिखा मासूम...।#Prayagraj #upnews #upschools pic.twitter.com/x0d3EXrDR2
उनके अनुसार विद्यालय की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका स्वाति द्विवेदी की डयूटी राजकीय पालीटेक्निक रसूलाबाद में 22 जून से 26 जुलाई तक लगाई गई है। स्कूल में तैनात एक अन्य अध्यापिका अनामिका सोनकर 28 जून से मातृत्व अवकाश पर हैं। सहायक अध्यापिका जूली कुमारी, शिक्षामित्र ललिता सिंह और आंगनबाड़ी सरोज पाल स्कूल में थीं।
रसोइयों ने भवन में लगा दिया ताला
बताया जा रहा है कि घटना के समय जूली पेड़ रखवाने दूसरी तरफ चली गईं। उसी बीच रसोइयों ने भवन में ताला लगा दिया। जांच में पता चला कि स्कूल दो बजे से ही बंद कर दिया गया था। यह नहीं देखा गया कि भीतर कोई है या नहीं। इसमें स्टाफ की लापरवाही उजागर हुई।
एक बच्चे को विद्यालय में बंद करके उसकी जान जोखिम में डालने का दोषी पाये जाने पर शिक्षिका जूली को निलंबित कर दिया गया है। शिक्षामित्र का भी मानदेय रोकने का निर्देश दिया गया है।
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