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Prayagraj Flood: जलशयन कराकर लेटे हनुमान जी से लौटी गंगा, बाढ़ का खतरा बरकरार; PHOTOS

गंगा -यमुना का जलस्तर घटने लगा है। लेकिन बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ है। शनिवार को हरिद्वारनरौरा और कानपुर से बड़े पैमाने पर पानी छोड़ा गया है। कानपुर से सबसे अधिक 241466 क्यूसिक पानी छोड़ा गया जिसका असर तटीय इलाकों में शनिवार दे रात से देखने को मिल सकता है। लेकिन पूरा पानी रविवार की रात या फिर सोमवार को भोर तक प्रयागराज पहुंचेगा।

By amardeep bhatt Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 11 Aug 2024 03:26 PM (IST)
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शनिवार को बंधवा स्थित लेटे हनुमानजी मंदिर की साफ-सफाई करते पुजारी । जागरण

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। बंधवा स्थित लेटे हनुमान जी के जल शयन के बाद बाढ़ का पानी लौटने पर शनिवार को मंदिर की साफ सफाई हुई। व्यवस्थापक नरेश गिरि की उपस्थिति में मंदिर के सेवकों ने वाटर पंप लगाकर गर्भगृह से पानी को बाहर खींचा।

हालांकि गर्भगृह अभी पूरी तरह से साफ नहीं हो सका है, जबकि बाढ़ का पानी एक बार फिर लेटे हनुमान जी को स्नान कराने के लिए लौटने के आसार एनडीआरएफ के द्वारा जताए गए हैं। गंगा नदी में जलस्तर यदि दोबारा नहीं बढ़ा तो मंदिर में दर्शन पूजन सोमवार से हो सकेगा।

विश्वविख्यात बंधवा के लेटे हनुमान मंदिर तक बाढ़ का पानी बुधवार को भोर में आ गया था और सुबह करीब 6.40 बजे हनुमान जी ने महास्नान किया था। तब से भक्तों के लिए दर्शन पूजन की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। मंदिर के समीप बालरूप हनुमान जी की स्थापना कर दर्शन कराए जा रहे हैं।

शनिवार को गंगा और यमुना का जलस्तर कुछ कम हुआ तो गर्भगृह से भी पानी वापस लौटा। इसके बाद सेवकों ने वहां साफ सफाई की। गर्भगृह में भरा पानी निकाला गया। बाहरी फर्श व चैनल आदि की सफाई की गई। गर्भगृह में सफाई पूरी तरह रविवार तक हो सकेगी।

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मंदिर के व्यवस्थापक नरेंद्र गिरि ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम ने संभावना जताई है कि जलस्तर पुन: बढ़ सकता है। हो सकता है कि हनुमान जी का स्नान दोबारा हो। इसे देखते हुए मंदिर में दर्शन पूजन की प्रतीक्षा करनी होगी।

बता दें कि कानपुर से सबसे अधिक 241466 क्यूसिक पानी छोड़ा गया जिसका असर तटीय इलाकों में शनिवार दे रात से देखने को मिल सकता है। लेकिन पूरा पानी रविवार की रात या फिर सोमवार को भोर तक प्रयागराज पहुंचेगा। ऐसे में गंगा यमुना के कछारी क्षेत्र के लोग एक बार फिर बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं।

शनिवार को यमुना का जलस्तर तो तेजी से घट रहा था लेकिन गंगा का जलस्तर आधा सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से घट रहा था। ऐसे में आशंका लगाई जा रही है कि एक बार फिर गंगा का जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो सकती है। लेकिन यमुना का जलस्तर तेजी से घटने के कारण बाढ़ का खतरा नाममात्र का बना हुआ है।

सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को दोपहर तक गंगा का जलस्तर शाम चार बजे तक आधा सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से और यमुना का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से कम हो रहा है।

सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गंगा का जलस्तर अगर तेजी से घटने लगेगा तो बाढ़ का खतरा 80 प्रतिशत तक समाप्त हो जाएगा। वहीं केन और बेतवा अगर उफान पर आ जाएंगी तो यमुना का जलस्तर की एक बार फिर वृद्धि हो सकती है।

चार दिन पहले गंगा यमुना का जलस्तर एकाएक बढ़ जाने से अशोकनगर,राजापुर, करेली,बेलीगांव,दारागंज में बक्शी बांध और बघाड़ा के कई घरों में पानी घुस गया है। संगम का दृश्य सागर जैसा दिखाई देने लगा है। इसके चलते जिला प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर रखा है।

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सिंचाई विभाग के अधिकारी बाढ़ का जायजा दिनभर लेते रहे। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और बुंदेलखंड में अगर अच्छी बारिश हो जाएगी तो केन, बेतवा और चंबल तथा आधा दर्जन से ज्यादा छोटी नदियों का पानी यमुना में आ जाएगा।

यहां से इतना क्यूसिक छोड़ा गया पानी

  • हरिद्वार से -79803 क्यूसिक पानी छोड़ा गया
  • नरौरा से - 96287 क्यूसिक पानी छोड़ा गया
  • कानपुर से-241466 क्यूसिक पानी छोड़ा गया
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