प्रयागराज में बाढ़ के पानी ने मचाई तबाही, गावों को आपस में जोड़ने वाले कई रास्ते बंद; नाव बनी सहारा
Prayagraj Flood प्रयागराज में बाढ़ से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। गंगा और टोंस नदी उफान पर हैं जिससे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सड़कें जलमग्न होने से आवागमन ठप हो गया है और लोगों को नावों का सहारा लेना पड़ रहा है। खेतों में पानी भरने से फसलें तबाह हो गई हैं और लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।
जागरण टीम, प्रयागराज। गंगा और टोंस नदी में बाढ़ का पानी ग्रामीण इलाकों में घुसने लगा है। कई गांवों को आपस में जोड़ने के लिए बनी सड़कों पर भी बाढ़ का पानी पहुंचने से आवागमन बाधित हो गया है। लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। खेतों में पानी भरने से फसल खराब हो रही है। वहीं नदी के कछारी इलाकों में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है। लोग घरों से पलायन करने लगे हैं।
बाढ़ के पानी से चौतरफा घिरा कटका डेरा बस्ती
भीरपुर प्रतिनिधि के अनुसार करछना तहसील क्षेत्र में नदी के बढ़ते जलस्तर ने तबाही मचा रखी है। हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। अब तक सैकड़ो एकड़ धान, बाजार , अरहर की फसल पानी में समा चुका है। कई ग्रामीणों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है।
जिस रफ्तार से पिछले तीन दिनों में नदी के जलस्तर में वृद्धि देखी गई अगर इसी तरह निरंतर जारी रहा तो आने वाले दो-तीन दिनों में सैकड़ों ग्रामीण अपने घर को छोड़कर पलायन करने को मजबूर होंगे। हालांकि सोमवार को नदी के जलस्तर में ठहराव को देख ग्रामीणों ने राहत की सांस लिया है लेकिन समस्या बरकरार है।
महेवा निवासी मंगू सिंह, सुशांत निषाद, साहब लाल ने बताया कि डेरा ग्राम सभा के मुख्य मार्ग पर पानी आ गया है। आवागमन करने में ग्रामीण नाव का सहारा ले रहे हैं। वही आदि बस्ती पानी से चौतरफा घिर गया है। अभी तक तहसील प्रशासन की ओर से राहत बचाव को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
ठहरी नदी की रफ्तार, बाढ़ का खतरा बरकरार
करछना प्रतिनिधि के अनुसार गंगा और टोंस नदी की बाढ़ से क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। रविवार तक नदियों का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा था। रविवार रात से ही बाढ़ की रफ्तार स्थित पड़ गई है। जबकि अभी भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है। गंगा व टोंस नदी की बाढ़ से सैकड़ों बीघे किसानों की फसल डूब गई। वहीं कई बस्ती बाढ़ के पानी से डूब गई जिससे आम लोगों का जीवन प्रभावित हुआ।
खजुरौल, गड़ैला,सेमरहा,बबुरा,लकटहा, पनासा, देहली भगेसर,मेड़रा,कटका, महेवा, हथसरा,अरई,बघेड़ा, धरवारा,सुलमई आदि गांवों के किसानों की सैकड़ों बीघे फसल पानी में डूब गई जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। कई दिनों से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में तहसील का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी मौके पर निरीक्षण करने नहीं गया। वहीं क्षेत्र के लोगों में में तहसील प्रशासन की कार्यशैली को लेकर से लोगों में नाराजगी है।
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