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पूर्व आइजी से करोड़ों की ठगी में विदेशी कनेक्शन की आशंका, खातों की छानबीन में जुटी पुलिस

UP News पूर्व आइजी डीके पांडा से करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में विदेशी कनेक्शन की आशंका जताई गई है। धोखाधड़ी का तरीका ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और गतिविधि के आधार पर यह आशंका जाहिर की जा रही है। पुलिस मोबाइल नंबर और बैंक खातों की छानबीन कर रही है। साइबर अपराधियों ने रिटायर आइपीएस से कुल कितनी रकम निवेश करवाई थी।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 31 Oct 2024 07:27 AM (IST)
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पूर्व आइजी से करोड़ों की ठगी में विदेशी कनेक्शन की आशंका
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दूसरी राधा के नाम से चर्चित पूर्व आइजी धीरेंद्र किशोर पांडा (डीके पांडा) से करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में विदेशी कनेक्शन की आशंका जताई गई है। धोखाधड़ी का तरीका, आनलाइन ट्रांजेक्शन और गतिविधि के आधार पर यह आशंका जाहिर की जा रही है।

पुलिस मोबाइल नंबर और बैंक खातों की छानबीन कर रही है। साइबर अपराधियों ने रिटायर आइपीएस से कुल कितनी रकम निवेश करवाई थी और उसका इस्तेमाल कहां-कहां किया गया था, इसका भी पता लगाया जा रहा है।

जांच में जुटी धूमनगंज पुलिस का कहना है कि पूर्व आइजी के पास पहले आरव शर्मा नामक व्यक्ति ने वाट्सएप पर काल किया था। इसके बाद दीपक कुमार नामक व्यक्ति ने नार्मल काल किया था। दीपक ने जिस नंबर से काल किया था, उसका सिमकार्ड किसके नाम पर है इसकी जांच हो रही है।

उसके निवास समेत अन्य तथ्यों के बारे में पता लगाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। धूमनगंज थाना क्षेत्र के प्रीतम नगर मुहल्ले में रहने वाले पूर्व आइजी डीके पांडा ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।

उन्होंने पुलिस को बताया कि आनलाइन ट्रेडिंग के जरिए उन्होंने 381 करोड़ रुपये कमाए, जिसे साइबर अपराधियों ने ठग लिया। साथ ही उन्हें आतंकी फंडिंग में फंसाने की धमकी दी गई है। पुलिस इस मामले में साइबर थाने की पुलिस की मदद ले रही है और अपराधियों के खिलाफ साक्ष्य भी संकलित कर रही है।

सेना में नौकरी के नाम पर 1.12 करोड़ रुपये की ठगी

सेना में नौकरी लगवाने के लिए 14 अभ्यर्थियों से 1.12 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई। आरोपितों ने सेना का प्रशिक्षण दिलाने के लिए अभ्यर्थियों को गुप्त स्थान पर रखा। तीन-चार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी वितरित कर दिए। यह ठगी रिश्तेदार ने ही अपने सैनिक साथी के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी जांच शुरू नहीं की है।

मऊदरवाजा थानाध्यक्ष बलराज भाटी ने बताया कि दीपावली के बाद जांच कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।मऊदरवाजा क्षेत्र के गांव शमशेर नगर बरौन निवासी शेरसिंह राजपूत के पुत्र अपने अन्य साथियों के साथ सेना की तैयारी कर रहे थे। 28 जनवरी 2023 को जहानगंज के गांव पंजू खिरिया निवासी रिश्तेदार सैनिक ध्रुव कुमार राजपूत ने शेरसिंह से कहा कि उसका साथी जनपद चंदौली के गांव धनपुर निवासी रविकांत यादव भारतीय सेना में अफसर है। वह सेना में नौकरी लगवाता है। शेरसिंह ने रविकांत से फोन पर बात की। रविकांत ने उन्हें बताया कि आर्मी नर्सिंग के 11 लाख रुपये प्रति व्यक्ति है।

अग्निवीर के लिए पांच लाख रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से लेकर लखनऊ पहुंच जाना। शेरसिंह का पुत्र और उसके 14 साथी लखनऊ पहुंचे और रविकांत के कहने पर एक व्यक्ति को कागजात दिए। इसके बाद शेरसिंह ने आनलाइन 30 लाख रुपये ट्रांसफर किए। फिर 82 लाख रुपये नकद दिए। इसके बाद प्रशिक्षण व नियुक्ति पत्र के लिए लखनऊ बुलाया गया।

वहां पर किसी गुप्त स्थान पर सभी को रखा गया, लेकिन अभ्यर्थियों को छावनी नहीं ले जाया गया। तीन-चार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे दिए गए। जब उन्होंने नियुक्ति के बारे में ध्रुव राजपूत व रविकांत से पूछा तो आरोपित टाल मटोल करने लगे। तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ।

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