यूपी-बिहार में ऑनलाइन गेम के जरिए करोड़ों की जालसाजी करने वाले बड़े गिरोह का राजफाश, सरगना समेत 12 जालसाज गिरफ्तार
गैंग के सरगना विजय निषाद ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर करोड़ों का खेल किया गया है। गैंग के सदस्य तीन वेबसाइट लेजर 99 एक्सचेंज और 11 एक्स प्ले के माध्यम से क्रिकेट फुटबाल हॉकी लूडो बाक्सिंग चेस कार रेस आदि खेलों में रुपये लगवाते थे। पहले वह रुपये लगाने वालों को जीताते थे ताकि उनकी आदत पड़ जाए और वह बड़ी रकम लगाएं।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। ऑनलाइन गेम के जरिए जालसाजी करने वाले बड़े गिरोह का यमुनानगर पुलिस ने राजफाश किया है। गैंग के सरगना समेत 12 जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से तीन ऐसे रजिस्टर मिले हैं, जिसमें ऑनलाइन गेम से कमाए गए रुपए का विवरण अंकित था। अभी तक पुलिस को दो करोड़ 53 लाख रुपये का लेखाजोखा मिला है। गिरोह यूपी व बिहार में रहने वाले लोगों को अपना शिकार बना रहा था। सरगना से पूछताछ के बाद बिहार पुलिस ने भी वहां ऐसे ही गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 12 जालसाजों को पकड़ा है।
नैनी थाने के अतिरिक्त निरीक्षक साजिद अली व एसओजी यमुनापार प्रभारी रणजीत सिंह ने टीम के साथ सोमवार देर रात महेवा पूरबपट्टी कब्रिस्तान के पास स्थित अपार्टमेंट के एक फ्लैट में दबिश दी। पुलिस को देखते ही यहां मौजूद लोग इधर-उधर भागने लगे। घेराबंदी कर 12 जालसाजों को पकड़ लिया गया। थाने लाकर इन सभी से पूछताछ की गई।गैंग के सरगना विजय निषाद ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर करोड़ों का खेल किया गया है। गैंग के सदस्य तीन वेबसाइट लेजर, 99 एक्सचेंज और 11 एक्स प्ले के माध्यम से क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी, लूडो, बाक्सिंग, चेस, कार रेस आदि खेलों में रुपए लगवाते थे। पहले वह रुपये लगाने वालों को जीताते थे, ताकि उनकी आदत पड़ जाए और वह बड़ी रकम लगाएं। गेमिंग का पूरा फार्मेट गैंग के पास होता था। ऐसे में वह जब चाहे जिस हरा और जिता सकते थे।
मंगलवार शाम पुलिस लाइन सभागार में जालसाजों को मीडिया के सामने पेश करते हुए डीसीपी यमुनानगर श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने बताया कि गिरोह की गतिविधियों पर कई दिनों से नजर रखी जा रही थी। गिरोह के सरगना विजय निषाद समेत 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 42 मोबाइल, 52 सिम कार्ड, पांच लैपटाप, बड़ी संख्या में आधारकार्ड बरामद हुए। पकड़े गए गिरोह के पास से नौ रजिस्टर भी मिले हैं। इसमें आनलाइन गेम संचालन से की गई कमाई 2.53 करोड़ रुपये का लेखाजोखा है। इनके बैंक खातों की भी जांच की जा रही है।
लोन दिलाने के नाम पर भी करते थे खेल
जालसाजों ने पूछताछ में बताया कि लोगों को लोन दिलाने के नाम पर उनका खाता किसी बैंक में खुलवाकर खाताधारक को रुपये का लालच देकर उनके बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड आदि अपने पास रख लेते हैं। लेजर आदि गेमिंग ऐप साइट का इंस्ट्राग्राम, फेसबुक व मल्टीमीडिया प्लेटफार्म का उपयोग कर युवकों को लुभावने स्लोगन, धन कमाने का लालच देते हुए गेम खिलाने के नाम पर करोड़ो रुपये घर बैठे जीतने का लालच देकर ऑनलाइन ठगी करते हैं।किसी भी गेम का एक्सिस साइबर फ्राड अपने हाथ में रखते हैं। छोटी-छोटी रकम की जीत दिलाकर बहुत बड़ी रकम जीतने का लालच दिखाते हैं। बताया कि एक दिन में आठ से 25 लाख रुपये की ठगी की जाती है। सरगना द्वारा इस तरह के चार-पांच साइबर फ्राड करने वाले गिरोह के संचालन की जानकारी भी दी गई।
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