Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Flood in Prayagraj: सावधान! हर घंटे साढ़े चार सेमी की गति से बढ़ रही गंगा-यमुना, इन इलाकों में जारी हुआ अलर्ट

गंगा में शनिवार सुबह फाफामऊ में जल स्तर 76.90 मीटर छतनाग में 74.08 मीटर नैनी में 74.65 मीटर था। लेकिन रात आठ बजे फाफामऊ का जलस्तर 77.73 मीटर पहुंच गया। यहां खतरे का निशान 84.73 मीटर है। यमुना नदी का जल स्तर 75.01 मीटर है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और सभी को खास कर तटीय इलाके में रहने वाले लोगों को सावधान रहने को कहा है।

By amarish kumar Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 14 Jul 2024 10:51 AM (IST)
Hero Image
बढ़ रहा है पानी.... शनिवार को गंगा और यमुना में बढ़ते जलस्तर के दौरान इस तरह नजर आएं श्रद्वालु। जागरण

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रयागराज में बारिश नहीं हो रही है लेकिन बाढ़ के खतरे का संकेत आने लगा है। अभी गंगा खतरे के निशान से लगभग सात मीटर और यमुना नौ मीटर नीचे बह रही हैं, लेकिन बीते 24 घंटे में जिस गति से गंगा-यमुना का जल स्तर बढ़ रहा है और इसी गति से पानी बढ़ता रहा तो जुलाई महीने के अंत तक जल स्तर के खतरे के निशान के आस-पास पहुंचने की संभावना है। हालांकि जल स्तर जैसे जैसे बढ़ेगा उसका फैलाव कछारी इलाके में होगा, इससे तेज गति मंद पड़ेगी।

प्रयागराज में बड़ी संख्या में तटीय इलाके में बने घरों में किराये के कमरे में छात्र रहते हैं। पानी बढ़ने से छोटा बघाड़ा, सलोरी, गोविंदपुर, शिवकुटी, मेंहदौरी, शंकरढाल, बेली कछार, दारागंज आदि इलाकों में 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के माथे पर भी चिंता की लकीरें खिंचने लगी है।

गंगा-यमुना में बाढ़ के प्राथमिक क्षेत्र में 105 गांव व 30 मोहल्ले व शहर में लगभग तीन हजार घरों और कछारी इलाके कि लगभग 18 हजार बीघे फसल को को बाढ़ग्रस्त श्रेणी में रखा गया है। इसमें जिले के लगभग 42 संपर्क मार्ग चिह्नित किए गए हैं जो डूब सकते हैं।

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में दो युवकों को चाकू घोंपा एक की मौत, भीड़ ने घेर ली बरात

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ समेत सेना को बढ़ते जल स्तर की रिपोर्ट भेजी गई है। जल पुलिस व पीएसी की बाढ़ राहत कंपनी को अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 18 बाढ़ राहत शिविर बनाने, 98 बाढ़ राहत चौकियां सक्रिय करने, 200 नावें व 22 स्टीमर लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है।

इन इलाकों में अलर्ट

यमुना के किनारे सदियापुर, ककरहा घाट, बक्शी मोढ़ा, करैलाबाग, हड्डी गोदाम, करेली, गौशनगर, आजाद नगर, इस्लाम नगर आदि मोहल्लों में ससुर खदेरी नदी के माध्यम से बाढ़ के पानी के आने की संभावना है। गंगा के किनारे नेवादा, राजापुर, गंगा नगर, द्रौपदी घाट, बेली, म्योराबाद, मेंहदौरी, शंकरघाट, सलोरी, छोटा बघाड़ा, गोविंदपुर, बड़ा बघाड़ा, शिवकुटी, चिल्ला, सादियाबाद, दारागंज में अलर्ट है।

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में दिनदहाड़े होटल संचालक के कर्मचारी की हत्या, वारदात के आरोपितों ने किया सरेंडर

छोटा बघाड़ा, दारागंज, नेवादा, गंगा नगर को प्राथमिक बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में रखा गया है। जबकि गंगा और यमुना के किनारे बसे बारा, करछना, मेजा, सोरांव, फूलपुर व हंडिया तहसील क्षेत्र के लगभग 105 गांव में भी सतर्कता बरतने को कहा गया है।

कब कब उच्चतम बिंदु पर पहुंची हैं गंगा यमुना

गंगा नदी में जलस्तर और वर्ष

85.78 मीटर 2019

86.06 मीटर 2013

87.09 मीटर 1978

यमुना नदी में जलस्तर वर्ष

85.54 मीटर 2019

86.05 मीटर 2013

87.10 मीटर 1978

प्रयागराज में गंगा-यमुना जलस्तर 13 जुलाई रात आठ बजे

नदी
स्थान
जलस्तर (मीटर में)
24 घंटे में वृद्धि
गंगा फाफामऊ 77.73 1.33 मीटर
गंगा छतनाग 74.48 1.06 मीटर
यमुना नैनी 75.01 95 सेमी

गंगा-यमुना

चेतावनी लेवल - 83.73 मीटर

खतरे का निशान - 84.73 मीटर

गंगा-यमुना ने कब पार किया था खतरे का निशान

संगम नगरी में 1978 व 2013 व 2019 में गंगा-यमुना खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। इससे शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया था। तब हजारों लोग बेघर हो गए थे। राहत कैंपों में सैकड़ों परिवारों ने शरण ली थी।