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Prayagraj Flood: संगमनगरी में घटने लगा गंगा-यमुना का पानी, कीचड़ से बढ़ी परेशानी; PHOTOS

गंगा और यमुना का जलस्तर शुक्रवार को कुछ थमा जरूर पर खतरा अभी कम नहीं हुआ है। निचले इलाकों 
में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। बाढ़ के चलते नावें भी न के बराबर चल रही हैं। बाढ़ का पानी घटने से निचले इलाकों में कीचड़ और गंदगी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इसके साथ ही बदबू ने सांस लेना भी मुहाल कर दिया है।

By GYANENDRA SINGH1 Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 10 Aug 2024 12:29 PM (IST)
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प्रयागराज शास्त्री पुल के नीचे चहुंओर पानी ही पानी नजर आया। मुकेश कनौजिया
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। तेजी से बढ़े गंगा और यमुना के जल स्तर ने निचले इलाके में बसे लोगों की चिंता बढ़ा दी थी। शुक्रवार भोर में तो गंगा तथा यमुना के किनारे के 52 गांव और सात मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए। इन गांवों और मोहल्लों में तेजी से पानी घुस रहा था।

कई गलियां तथा सड़कें जलमग्न हो गई थीं। सैकड़ों घरों तक में पानी प्रवेश कर गया था। वहीं फसल भी डूब गई थीं। दोपहर बाद गंगा का जल स्तर कम होने लगा। हालांकि गंगा का पानी बेहद धीमी गति से कम हो रहा है, जबकि यमुना का जल स्तर तेजी से घट रहा है।

बाढ़ का पानी घटने से निचले इलाकों में कीचड़ और गंदगी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इसके साथ ही बदबू ने सांस लेना भी मुहाल कर दिया है। जिला प्रशासन ने नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को इन इलाकों में सफाई के साथ ही मेलाथियान पाउडर के छिड़काव के निर्देश दिए हैं।

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गंगा का जल स्तर शुक्रवार सुबह में 81.88 मीटर पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 84.73 मीटर से लगभग तीन मीटर नीचे था। यह जल स्तर गुरुवार सुबह से लेकर शुक्रवार सुबह तक 24 घंटे में 55 सेमी था। जबकि बुधवार सुबह से गुरुवार सुबह तक 24 घंटे में गंगा का जल स्तर लगभग ढाई मीटर बढ़ा था।

शुक्रवार रात गंगा का जल स्तर 81.85 मीटर तथा यमुना का जल स्तर 81.36 मीटर था। शुक्रवार सुबह तक सोरांव के 14, फूलपुर के 12, करछना के 10, मेजा के नौ तथा हंडिया के सात गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया था।

नालों के माध्यम से इन गांवों में पहुंचे पानी से कई मार्ग भी अवरुद्ध हो गए। फसलें जलमग्न हो गईं। इसी तरह शहर में दारागंज के बक्शी बांध के पास मोहल्ले, बघाड़ा, मऊ कछार, चिल्ला, गंगा नगर, नेवादा व बेली कछार में पानी पहुंच गया था। यहां के कई घरों में पानी घुसा था।

बाढ़ में फंसे नौ घोड़ों को एनडीआरएफ की टीम ने बचाया

शुक्रवार को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस तथा पीएसी के बाढ़ राहत दल ने निचले इलाकों में मोटर बोट से पेट्रोलिंग की। एक टीम नागवासुकि मंदिर से बघाड़ा, सलोरी, सादियाबाद, तेलियरगंज, बेली कछार, राजापुर, गंगा नगर, नेवादा होते हुए नीवां तक, दूसरी टीम फाफामऊ से झूंसी होते हुए छतनाग तक, तीसरी टीम सरस्वती घाट से गऊघाट, बलुआघाट, दरियाबाद होते हुए करैलाबाग तक पेट्रेलिंग की।

इस दौरान एनडीआरएफ की टीम को फाफामऊ के मलाका के सामने गंगा में नौ घोड़ों के फंसे होने की सूचना एडीएम वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह ने दी। इस पर टीम ने फौरन उस ओर गई और सभी नौ घोड़ों को बचा लिया। इसके बाद पशु चिकित्सकों से उनका इलाज कराया गया।

दो बाढ़ राहत शिविर तैयार, चौकियां भी सक्रिय, शासन को रिपोर्ट

बाढ़ की आशंका को लेकर बघाड़ा में एनी बेसेंट इंटर कालेज में तथा राजापुर में ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बाढ़ राहत शिविर तैयार करा दिया गया है। इसके साथ ही निचले इलाकों में 88 बाढ़ चौकियां सक्रिय हैं।

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एडीएम वित्त एवं राजस्व तथा एसडीएम सदर अभिषेक कुमार सिंह ने शुक्रवार को निचले इलाकों में दौरा किया। सोरांव, फूलपुर, करछना, मेजा, हंडिया, बारा के एसडीएम व तहसीलदारों ने निरीक्षण किया। शाम को बाढ़ की स्थिति और प्रबंध की रिपोर्ट शासन को भेजी गई।

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