Generic Medicine: जेनेरिक दवाओं को खराब बता रहे सरकारी डाक्टर, यहां सांसत में फंसी मरीजों की जान, रोज औसत 50 दवा की कराते हैं वापसी
Generic medicines अस्पताल में डाक्टरों की यह मनमानी लोगों को सस्ती और अच्छी दवाएं उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुनहरे सपने का बेड़ा गर्क कर रही है। वैसे तो बेली अस्पताल तेलियरगंज के टीबी अस्पताल और स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में भी जन औषधि केंद्र संचालित हैं लेकिन काल्विन अस्पताल की स्थिति व्यवस्था को अव्यवस्था में बदल रही है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Generic medicines ईशा वर्मा को आंख में परेशानी थी, मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय 'काल्विन' अस्पताल में 30 अप्रैल को पहुंचीं। पर्चे पर लिखी जो दवा उन्होंने जनऔषधि केंद्र से खरीदी, डाक्टर ने बेअसर बताकर उसे वापस करा दिया।
27 अप्रैल को हड्डी रोग विभाग की ओपीडी में पहुंचीं कुमारी कोमल की जेनेरिक दवाएं डाक्टर ने वापस करा दीं। कुछ इसी स्थिति से 17 अप्रैल को सरोज वर्मा गुजरीं जिन्हें त्वचा रोग की ओपीडी से बाहर की दवा लिखी गई थी। दवाएं उन्होंने खरीदीं और थोड़ी देर बाद आकर वापस कर दिया।
अस्पताल में डाक्टरों की यह मनमानी लोगों को सस्ती और अच्छी दवाएं उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुनहरे सपने का बेड़ा गर्क कर रही है। वैसे तो बेली अस्पताल, तेलियरगंज के टीबी अस्पताल और स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में भी जन औषधि केंद्र संचालित हैं लेकिन काल्विन अस्पताल की स्थिति व्यवस्था को अव्यवस्था में बदल रही है।
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यहां के जन औषधि केंद्र संचालक की मानें तो अधिकांश दवाएं उपलब्ध रहती हैं। त्वचा रोग के मरीज गर्मी के दिनों में ज्यादा आ रहे हैं, खुजली, घमौरियां, दाद, चकत्ते निकलने की परेशानी रहती है। गर्मी के विपरीत प्रभाव से होने वाली अन्य बीमारियों के लिए दवाएं भी जन औषधि केंद्र में उपलब्ध हैं। फिर भी डाक्टर जेनेरिक दवाएं वापस कराकर जनऔषधि केंद्रों को बर्बाद करने पर उतारू हैं।
लिख दी महंगी दवाएं
गुरुवार को काल्विन अस्पताल के त्वचा रोग विभाग की ओपीडी से अनमोल को गर्दन में घमौरियां होने पर ट्यूब ब्रांडेड कंपनी की लिखी गई। मो. इंतखाब आलम को हथेली व अन्य स्थान पर खुजली की समस्या थी, एक छोटी बच्ची आनिया को त्वचा पर दाने निकले थे और मुख्तार अहमद को भी त्वचा में खुजली की परेशानी थी।इसे भी पढ़ें- आगरा-वाराणसी में सूरज दिखाएगा तेवर, कानपुर में ठंडी हवा से राहत की उम्मीद
इन सभी को ओपीडी से एक-एक महंगी दवा बाहर से लिखी गई। जबकि इन सभी की परेशानी साधारण थी जिनकी दवाएं सरकारी दवा काउंटर से भी दी जा सकती है।जनऔषधि केंद्र संचालक अमरेश श्रीवास्तव ने कहा कि जन औषधि केंद्र में प्रत्येक दिन 40-50 ऐसे लोग आ रहे हैं जो डाक्टरों के गुमराह करने पर दवाएं वापस करने चले आते हैं। हम दवाएं बिक्री करके वापस ही करते रहेंगे तो कैसे काम चलेगा।
प्रयागराज सीएमओ डा. आशू पांडेय ने कहा कि जन औषधि केंद्र सीधे हमारे नियंत्रण में नहीं हैं लेकिन जेनेरिक दवाएं अगर वापस कराई जा रही हैं तो यह गलत बात है। इसे गंभीरता से लिया जाएगा। किसी डाक्टर की मनमानी नहीं चलने पाएगी।
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