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Gyanvapi Case: अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की अर्जी HC में खारिज, केस स्थानांतरित करने पर उठाया था सवाल

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी वाराणसी की अर्जी खारिज कर दी है और याचिकाओं की सुनवाई की तिथि चार अक्तूबर नियत की है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी तथा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से दाखिल पांच याचिकाओं पर पर दिया है। पीठ ने कहा जिसकी शिकायत पर प्रशासनिक आदेश से केस स्थानांतरित किया गया वह पत्रावली पर उपलब्ध है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Thu, 28 Sep 2023 08:32 AM (IST)
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अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की अर्जी HC में खारिज, केस स्थानांतरित करने पर उठाया था सवाल

विधि संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी वाराणसी की अर्जी खारिज कर दी है और याचिकाओं की सुनवाई की तिथि चार अक्तूबर नियत की है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी तथा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से दाखिल पांच याचिकाओं पर पर दिया है।

मसाजिद कमेटी ने 18 सितंबर, 23 को अर्जी देकर मांग की थी कि कोर्ट उस अधिवक्ता का नाम बताए जिसकी शिकायत पर केस फैसला आने से पहले दूसरी पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर लिया गया और जब तक अर्जी तय नहीं होती, तब तक केस की सुनवाई न की जाए।

पत्रावली में है शिकायतकर्ता का ना

पीठ ने कहा, जिसकी शिकायत पर प्रशासनिक आदेश से केस स्थानांतरित किया गया वह पत्रावली पर उपलब्ध है। इसका मुआयना किया जा सकता है।

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न्यायिक कार्यवाही में अर्जी देकर नाम व पहचान उजागर करने की मांग करने का कोई औचित्य नहीं है। किसने शिकायत की यह महत्वहीन है, सुनवाई कैसे हो रही थी, इस पर ध्यान दिया जाए।

वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर के स्वामित्व को लेकर दाखिल सिविल वाद की पोषणीयता पर याची की आपत्ति दरकिनार कर परिसर के सर्वे का 2021 में आदेश दिया था। इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

75 तारीखों बाद सुनाया गया था फैसला

न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने सर्वे पर रोक लगा दी और 75 तारीखों में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित किया था। न्यायमूर्ति पाडिया ने 28 अगस्त की तिथि फैसले के लिए तय की थी। उससे पहले ही किसी ने 27 जुलाई, 2023 को शिकायत की। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने प्रशासनिक आदेश दिया और 16 अगस्त को केस अपने पास स्थानांतरित कर 28 अगस्त को सुनवाई की।

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अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने मुख्य न्यायाधीश द्वारा केस सुने जाने पर कोई आपत्ति नहीं की किंतु फैसले से पहले केस स्थानांतरित करने पर कानूनी प्रश्न खड़े किए। 28 अगस्त के आदेश में याची अधिवक्ता की शिकायत पर केस स्थानांतरित करने का जिक्र आया तो अर्जी दाखिल कर उसकी पहचान जाहिर करने की मांग की गई।

मस्जिद पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी का कहना था कि याची के पक्ष से किसी अधिवक्ता ने अर्जी नहीं दी है, तो वह कौन है जिसकी शिकायत पर केस स्थानांतरित किया गया? इस पर कोर्ट ने कहा, शिकायत पत्रावली पर है, कोई भी देख सकता है। इसके लिए अर्जी दाखिल कर न्यायिक आदेश की मांग उचित नहीं है।

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