श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद की हुई सुनवाई, मंदिर पक्ष बोला- वक्फ एक्ट से बाधित नहीं माना जा सकता सिविल वाद
कटरा केशव देव की जमीन से शाही ईदगाह मस्जिद का अवैध कब्जा हटाने सहित कई अन्य मांगों को लेकर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। इनकी पोषणीयता पर सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत मस्जिद पक्ष की तरफ से आपत्ति की गई है। उन्होंने इस संबंध में वाराणसी के ज्ञानवापी केस व श्रीराम जन्मभूमि केस का उल्लेख किया जिसमें कहा गया है कि संपत्ति मूर्ति में निहित है।
विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद की मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चार घंटे से कुछ अधिक समय तक दो सत्रों में सुनवाई चली। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन के समक्ष मंदिर पक्ष की तरफ से कहा गया कि सिविल वाद वक्फ एक्ट से बाधित नहीं माना जा सकता। अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी।
कटरा केशव देव की जमीन से शाही ईदगाह मस्जिद का अवैध कब्जा हटाने सहित कई अन्य मांगों को लेकर दायर 18 सिविल वादों की पोषणीयता पर हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इनकी पोषणीयता पर सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत मस्जिद पक्ष की तरफ से आपत्ति की गई है।
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मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बहस शुरू करते हुए कहा, 'वक्फ संपत्ति घोषित करने मात्र से संपत्ति उसकी नहीं हो जाती और वक्फ एक्ट गैर मुस्लिम समुदाय पर लागू नहीं होगा।' इसलिए सिविल वाद वक्फ एक्ट से बाधित नहीं है।
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उन्होंने इस संबंध में वाराणसी के ज्ञानवापी केस व श्रीराम जन्मभूमि केस का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि संपत्ति मूर्ति में निहित है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि मूल अधिकारों को लेकर सिविल वाद पर्पोषणीय है। पूजा का अधिकार, स्थल का धार्मिक चरित्र तय करने के मामले में प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट बाधक नहीं हो सकता।
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