केशव मौर्य के 'संगठन सरकार से बड़ा' बयान पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, सरकार से कोई सवाल नहीं
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ‘संगठन सरकार से बड़ा’ होता है। इस बयान पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायक की गई थी जिसकी सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने ना तो सरकार से इस मामले पर उनका पक्ष जानने के लिए उनसे कुछ पूछा और न ही उपमुख्यमंत्री को कोई नोटिस जारी किया ।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया है। याचिका उपमुख्यमंत्री के उस बयान को लेकर दाखिल की गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘संगठन सरकार से बड़ा’ होता है। हाई कोर्ट के अधिवक्ता मंजेश कुमार यादव याची हैं।
मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने बयान के संवैधानिक पक्ष पर याची के अधिवक्ता को सुना। सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी तथा एके गोयल कोर्ट में उपस्थित थे, लेकिन कोर्ट ने ना तो सरकार से इस मामले पर उनका पक्ष जानने के लिए उनसे कुछ पूछा और न ही उपमुख्यमंत्री को कोई नोटिस जारी किया।
लखनऊ में कार्यसमिति की बैठक में दिया था बयान
कोर्ट ने कहा कि वह इस याचिका पर उपयुक्त आदेश पारित करेगी। बीती 14 जुलाई को उपमुख्यमंत्री ने लखनऊ में कार्यसमिति की बैठक में यह बयान दिया था। बाद में इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर भी यही बात पोस्ट की थी।
याची की राय में केशव मौर्य का कथन उनके पद की गरिमा को कम करता है। साथ ही सरकार की पारदर्शिता पर संदेह पैदा करता है। भाजपा, राज्यपाल और चुनाव आयोग की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया या खंडन न करना मुद्दे को और जटिल बनाता है।
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