Move to Jagran APP

सिविल कोर्ट के फैसलों पर हाईकोर्ट ने जताई हैरानी, जजों को ट्रेनिंग कराने की दी सलाह

जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र ने मैनपुरी सिविल कोर्ट के फैसलों की समीक्षा की। सिविल जज (जूनियर डिवीजन) द्वारा केस में दाखिल प्रतिवादों को ठीक ढंग से समझने के तरीके के बारे में स्पष्ट रूप से समझ की कमी देखी। HC ने कहा यह आश्चर्यजनक था कि बचाव पक्ष ने दो गवाह पेश किए जिनकी गवाही पर बिल्कुल भी विचार नहीं किया गया जो परीक्षण प्रक्रियाओं में संभावित चूक का संकेत है।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Thu, 05 Sep 2024 10:10 PM (IST)
Hero Image
तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण
विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मैनपुरी में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) और डिस्ट्रिक्ट जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) के फैसलों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए सुझाव दिया है कि दोनों जजों को आगे प्रशिक्षण की आवश्यकता है। कोर्ट ने यह टिप्पणी शैलेंद्र उर्फ शंकर वर्मा द्वारा विवादित संपत्ति मामले के संबंध में दायर दूसरी अपील पर सुनवाई के दौरान की।

न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र ने मैनपुरी सिविल कोर्ट के फैसलों की समीक्षा की। सिविल जज (जूनियर डिवीजन) द्वारा केस में दाखिल प्रतिवादों को ठीक ढंग से समझने के तरीके के बारे में स्पष्ट रूप से समझ की कमी देखी।

हाई कोर्ट ने कहा, यह आश्चर्यजनक था कि बचाव पक्ष ने दो गवाह पेश किए, जिनकी गवाही पर बिल्कुल भी विचार नहीं किया गया, जो परीक्षण प्रक्रियाओं में संभावित चूक का संकेत देता है।

कोर्ट ने पाया कि सिविल कोर्ट के फैसले में न तो वादी के दावे और न ही प्रतिवादों को ठीक से संबोधित किया गया, जिससे निष्कर्ष निरर्थक प्रतीत होते हैं। कोर्ट ने कहा, फैसले के अनुसार प्रस्तुत तर्कों पर उचित विचार किए बिना प्रतिवादी के मुकदमे को खारिज कर दिया गया।

मैनपुरी कोर्ट के कमरा नंबर दो के जिला न्यायाधीश का प्रदर्शन भी उतना ही आश्चर्यजनक था, वह कार्यवाही को सही ढंग से समझने में विफल रहे।

हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘ऐसा लगता है कि दोनों अदालतें सिविल न्यायालयों के रूप में अपने कर्तव्यों को संपादित करने में विफल रही हैं। बिना उचित कारण केवल निर्णय लिखने की औपचारिकताएं पूरी कर रही हैं।’ हाई कोर्ट ने सुनवाई के लिए दूसरी अपील स्वीकार कर ली है और विरोधियों को नोटिस जारी किया है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।