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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में वेशभूषा संग परिचय पत्र दिलाएगा संतों को पहचान, इस वजह से अखाड़ा परिषद ने लिया निर्णय

Maha Kumbh में परिचय पत्र बनवाने के लिए आधार नंबर होना आवश्यक है। आधार नंबर न होने पर परिचय पत्र नहीं बनेगा। उसमें सबसे ऊपर संबंधित अखाड़े के आराध्य का चित्र रहेगा। इसके बाद नाम आयु गुरु का नाम (अखाड़े के आराध्य का नाम) सिद्ध का नाम (जिससे दीक्षा लिया है उसका नाम) मढ़ी धूनी आधार नंबर व पैन नंबर देना होगा। संत की फोटो लगाकर उसे बनाया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 13 Jul 2024 03:20 PM (IST)
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संत का परिचय पत्र दिखाते श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत यमुना पुरी। जागरण
 शरद द्विवेदी, जागरण प्रयागराज। संतों की पहचान माथे पर तिलक, गले में माला व शरीर में भगवा, पीला अथवा सफेद वस्त्र से होती है। अगर किसी ने भगवा वस्त्र धारण किया है तो उसे संत मान लिया जाता है, लेकिन अब संतों की पहचान उनकी वेशभूषा के साथ परिचय पत्र से होगी।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी संतों को चिह्नित करने के लिए संतों का परिचय पत्र बनाने का निर्णय लिया है। उसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। 13 अखाड़ों से जुड़े संतों, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, नागा संन्यासियों सहित समस्त पदाधिकारियों का परिचय पत्र बनाया जा रहा है, जिसे गले में लटकाना होगा।

परिचय पत्र देखकर महाकुंभ-2025 में अखाड़ों के शिविर में संतों को प्रवेश दिया जाएगा। अखाड़ा परिषद का मानना है कि आज संत की वेशभूषा में दूसरे समुदाय के लोग घूम रहे हैं। जिन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में पकड़ा गया है। महाकुंभ में संगम तट पर करोड़ों की भीड़ आएगी।

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श्रद्धालुओं को गुमराह करने के लिए अराजकतत्व सहित कोई भी संत की वेशभूषा धारण कर सकता है। इससे संत समाज की छवि धूमिल होगी। ऐसे में फर्जी संतों का मेला क्षेत्र व अखाड़े के शिविर में प्रवेश रोकने के लिए सबका परिचय पत्र बनाने का निर्णय लिया गया है।

अखाड़ा परिषद ने 2019 के कुंभ में ऐसा प्रयास किया था, लेकिन समयाभाव में उसे लागू नहीं किया जा सका। अबकी उसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा।

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सचिव करेंगे प्रमाणित

हर अखाड़े के सचिव को परिचय पत्र प्रमाणित करने का अधिकार दिया गया है। वो संबंधित महात्मा के बारे में पूरी जानकारी एकत्र करने के बाद अखाड़े की मुहर लगाकर अपना हस्ताक्षर करेंगे। तभी वह मान्य होगा।

श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत यमुना पुरी ने कहा कि महाकुंभ में करोड़ों की भीड़ रहेगी। ऐसे में फर्जी संतों व असामाजिक तत्वों का शिविर में प्रवेश रोकने के लिए परिचय पत्र रखना अनिवार्य किया गया है। अखाड़े के मुख्य द्वार पर उसे देखने के बाद सबको शिविर के अंदर प्रवेश दिया जाएगा।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अराजकतत्वों पर नजर रखने के लिए संतों का परिचय पत्र बनाया जा रहा है। कुंभ मेला प्रशासन से आग्रह करेंगे कि संत के वेश में घूमने वाले लोगों का परिचय पत्र देखने के बाद ही मेला क्षेत्र में प्रवेश दिया जाय। इससे सुरक्षा पुख्ता रहेगी।

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