Prayagraj: माफिया अतीक और उसके करीबियों के नौकरों की संपत्तियों पर IT की नजर, जुटाई जा रही जानकारी
माफिया अतीक अहमद गैंग के सदस्य मो. अशरफ उर्फ लल्ला के नौकर सूरज पाल की तरह ही माफिया अतीक के कई ऐसे करीबी हैं जिनके नौकर बीपीएल कार्डधारक हैं। आशंका है कि इनके नाम भी माफिया अतीक ने संपत्तियों को ले रखा है। माना जा रहा है कि आयकर विभाग द्वारा गोपनीय तरीके से इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। आयकर विभाग द्वारा माफिया अतीक अहमद की छह संपत्तियों को जब्त किए जाने के बाद उसके कुछ करीबियों में खलबली मच गई है। अतीक गैंग के सदस्य मो. अशरफ उर्फ लल्ला के नौकर सूरज पाल की तरह ही माफिया अतीक के कई ऐसे करीबी हैं, जिनके नौकर बीपीएल कार्डधारक हैं। आशंका है कि इनके नाम भी माफिया अतीक ने संपत्तियों को ले रखा है। आयकर विभाग द्वारा गोपनीय तरीके से इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
माफिया अतीक ने अधिकांश संपत्तियां अपने करीबियों के नाम पर खरीदी थी
माफिया अतीक अहमद ने अधिकांश संपत्तियां अपने करीबियों के नाम पर ही खरीदी थी। इसमें जमीन से जुड़ीं संपत्तियां सबसे अधिक हैं। आयकर विभाग लखनऊ की बेनामी यूनिट के संज्ञान में एक मामला आया तो जांच की गई और फिर पता चला था कि अतीक ने अपने गैंग के सदस्य मो. अशरफ उर्फ लल्ला के नौकर सूरज पाल के नाम पर करोड़ों रुपये की जमीन खरीदी और बेंची थी। इन संपत्तियों को जब्त करने के बाद आयकर विभाग लखनऊ की संपत्ति बेनामी यूनिट द्वारा स्थानीय कुछ अधिकारियों से माफिया अतीक के खास करीबियों की सूची मांगी है।
कुछ खास करीबियों के पता चले नाम
सूत्रों के मुताबिक, कुछ खास करीबियों के नाम भी पता चल गए हैं। इनके नौकरों के बारे में पता लगाया जाएगा। सात वर्ष पहले इनकी संपत्ति कितनी थी और वर्तमान में कितनी है? आर्थिक स्थिति कैसी है? नौकर बीपीएल कार्डधारक हैं या नहीं?। ऐसे ही तमाम बिंदुओं को खंगाला जा रहा है। सूरज पाल की तरह ही माफिया ने अपने कुछ करीबियों के नौकरों के नाम संपत्तियों को खरीदने की आशंका जताई जा रही है।
अब पुलिस भी कसेगी शिकंजा
उधर, चौकीदार सूरज पाल के जरिए माफिया अतीक के बेनामी संपत्ति की खरीद-फरोख्त के मामले में आयकर विभाग के बाद अब पुलिस भी शिकंजा कसेगी। सूरज पाल, अशरफ उर्फ लल्ला समेत कई अन्य गुर्गों के नाम की प्रापर्टी के बारे में पता लगाया जाएगा। इसके साथ ही उनके बैंक अकाउंट की भी छानबीन की जाएगी। बेनामी संपत्ति की जानकारी जुटाने के लिए राजस्व व दूसरे विभाग से मदद ली जाएगी। प्रमाणिक साक्ष्य मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।