INDIA बनाम भारत नाम विवाद में कूदा संत समाज, धर्मग्रंथों का हवाला देकर धर्माचार्यों ने कही ये बड़ी बात
India vs Bharat row तमाम धर्मगुरुओं का कहना है कि ये विवाद का मुद्दा नहीं है। विष्णु पुराण सहित तमाम धर्मग्रंथों का हवाला देते हुए कहा है कि देश का प्राचीन नाम भारत है।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष (श्रीनिरंजनी अखाड़ा गुट) श्रीमहंत रवींद्र पुरी कहते हैं कि इंडिया नाम अंग्रेजों ने दिया है जो गुलामी का प्रतीक है। इस शब्द में आत्मीयता नहीं है।
India vs Bharat Row- जागरण संवाददाता, प्रयागराज : देश का नाम इंडिया की जगह भारत करने पर चर्चा गर्म है। सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेताओं में शब्दों के तीर चल रहे हैं। इस मुद्दे (India vs Bharat Row) पर विरोध-समर्थन में बुलंद होती आवाज हर किसी का ध्यान खींच रही है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच सनातन धर्माचार्यों ने भारत नाम को समर्थन देने का निर्णय लिया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद सहित तमाम धर्मगुरुओं का कहना है कि ये विवाद का मुद्दा नहीं है। विष्णु पुराण सहित तमाम धर्मग्रंथों का हवाला देते हुए कहा है कि देश का प्राचीन नाम भारत है।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष (श्रीनिरंजनी अखाड़ा गुट) श्रीमहंत रवींद्र पुरी कहते हैं कि इंडिया नाम अंग्रेजों ने दिया है, जो गुलामी का प्रतीक है। इस शब्द में आत्मीयता नहीं है।
वहीं, भारत शब्द का उल्लेख धर्मग्रंथों में है। हम उसी का प्रयोग करेंगे और अपने भक्तों से कराएंगे। अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि कहते हैं कि संविधान में भारत का उल्लेख ऊपर है। जब संविधान बना था तब कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका थी। ऐसे में इसको लेकर विवाद (India vs Bharat) करना अनुचित है।
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भारत प्राचीन व निर्विवादित नाम है।उपनिषद मर्मज्ञ ज्योतिषाचार्य डा. अमिताभ गौड़ बताते हैं कि विष्णु पुराण में उल्लेख है कि समुद्र के उत्तर और हिमालय के दक्षिण जो देश है, उसे भारत कहते हैं। उसके नागरिकों को भारती कहते हैं। महान चक्रवर्ती सम्राट राजा भरत के सम्मान में देश को भारत कहने का उल्लेख मिलता है। इससे हमारे देश का नाम भारत होना प्रमाणित है।
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कुछ ऐसा ही मत किन्नर अखाड़ा की उत्तर प्रदेश प्रमुख महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि (टीना मां) कहती हैं कि राष्ट्र का नाम इंडिया की जगह भारत करना उचित निर्णय है। वायु पुराण, लिंग पुराण, अग्नि पुराण, स्कंद पुराण और मार्कंडेय पुराण में भारत शब्द का उल्लेख है। इससे राष्ट्र की गरिमा बढ़ेगी।
विलंब में उठाया उचित कदम
अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के अध्यक्ष स्वामी ब्रह्माश्रम कहते हैं कि सरकार ने विलंब में उचित कदम बढ़ाया है। संत समाज अपने लेटर पैड में भारत लिखवाएगा। हम अपने भक्तों को उसे अपनाने को प्रेरित कर रहे हैं। टीकरमाफी आश्रम के प्रमुख स्वामी हरिचैतन्य ब्रह्मचारी का कहना है कि सनातन धर्म व भारत नाम पर विवाद खड़ा करना अनुचित है। इसे राजनीति से अलग रखना चाहिए। (India vs Bharat Row)