संगमनगरी में लड़ाकू विमानों ने दिखाए करतब, राफेल ने गिराई मिसाइल तो सारंग ने बनाई दिल की आकृति; PHOTOS
Indian Air Force Prayagraj पवित्र त्रिवेणी के तट पर अद्भुत नजारा दिखा और इसी के साथ नया इतिहास रच उठा। गड़गड़ाहट के साथ राफेल चिनूक और सुनुक जैसे लड़ाकू विमानों ने अचरज और रोमांच पैदा कर लोगों का दिल जीत लिया। वायु वीरों का शौर्य देख उमड़ा जनसमुद्र भी भाव विभोर हो उठा। भारत माता की जय और वंदे भारत के जयकारे से आसमान गूंजता रहा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। पवित्र त्रिवेणी के तट पर अद्भुत नजारा दिखा और इसी के साथ नया इतिहास रच उठा। गड़गड़ाहट के साथ राफेल, चिनूक और सुनुक जैसे लड़ाकू विमानों ने अचरज और रोमांच पैदा कर लोगों का दिल जीत लिया।
वायु वीरों का शौर्य देख उमड़ा जनसमुद्र भी भाव विभोर हो उठा। भारत माता की जय और वंदे भारत के जयकारे से आसमान गूंजता रहा। यह ऐतिहासिक मौका था वायु सेना की 91 वीं वर्षगांठ का। प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रतिनिधि व मुख्य अतिथि के रूप में एयर शो में शामिल हुए।
उन्होंने भारतीय वायु सेना व सेना के अधिकारियों के साथ जाबांज जवानों एवं वीर योद्धाओं के शौर्य को नमन किया। उनके साथ प्रयागराज की पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी भी रहीं। उन्होंने कहा, हमें भारतीय वायु सेना पर गर्व है।
दोपहर करीब 3 बजे हुआ एयर शो
संगम के ऊपर दोपहर 2:50 बजे चिनूक हेलिकाप्टर के आगमन के साथ एयर शो शुरू हुआ और 108 विमानों ने भाग लिया। संगट तट पर सुबह से ही लाखों लोग आसमान में टकटकी लगाए खड़े थे। तेजी से आए चिनूक हेलिकाप्टर ने संगम के अरैल घाट और रामघाट पर पोजीशन लेकर गंगा की लहरों से संवाद किया।
हेलिकाप्टर के झोंके से उठती लहरों के साथ समुद्र तट सरीखा दृश्य नजर आया। राफेल ने कई बार मिसाइल गिराने का सीन दोहराया तो आसमान में रिंग बनाकर कलाबाजियां कीं। उस समय लोग रोमांच से भर उठे, जब आठ हजार फीट से एएन- 32 विमान से पैराट्रूपर्स कूदने लगे और कुछ ही देर में दर्शकों के बीच आ गए।
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थल सेना का हेलीकाप्टर भी रहा शामिल
चेतक हेलीकाप्टर तिरंगा लेकर गुजरा तो लोग देशभक्ति के जज्बे से भर उठे। वहीं सूर्य किरण विमानों की टीम ने तिरंगा रंग छोड़ते हुए संगम क्षेत्र को पार किया। थल सेना के हेलिकाप्टर रुद्र भी इस बार शामिल हुए।
पिछले वर्ष ही वायुसेना का हिस्सा बना प्रचंड हेलिकाप्टर और अपाचे काफी नजदीक से गुजरे तो लोगों का उत्साह उमड़ पड़ा। फिर विंटेज विमान टाइगर मोथ और हार्वर्ड ने लोगों का दिल जीत लिया। इनके पायलटों ने हाथ हिलाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया।
मिग-29 ने की भीषण गर्जना
सेना का भीष्म विमान डकोटा भी आया। 25 सितंबर को वायुसेना के बेड़े में शामिल हुए सी-295 परिवहन विमान ने भी शौर्य दिखाया। वहीं सी-130 हरक्यूलिस अपनी टीम के साथ आया तो लोग अचरज से भर उठे। जटायु नाम से प्रसिद्ध मिग-29 ने गर्जना करते हुए संगम क्षेत्र को पार किया।
इसके बाद लड़ाकू विमान मिग-29, राफेल, सुखोई की तिकड़ी, पांच जगुआर, स्वदेशी लाइट कंबैट विमान तेजस का गुजरे तो तालियों की गड़गड़ाहट से संगम क्षेत्र गूंज उठा। तेजस 90 डिग्री पर सीधे ऊपर जाकर बादलों में गुम हो गया।
राफेल और सुखोई ने दिखाए हवा में करतब
ऐसे ही राफेल और सुखोई भी हवा में करतब दिखाते रहे। कड़ी धूप और नीले आसमान के नीचे दर्शकों का जज्बा देखते ही बना। सारंग हेलिकाप्टरों की टीम ने हवा में दिल की आकृति बनाई, आठ के आकार में घूमें और एक दूसरे को क्रास किया। वहीं नौ विमानों की टीम सूर्यकिरण ने विजय का चिह्न हवा में बनाया।
इससे पहले बमरौली स्थित मध्य वायु कमान के मुख्यालय पर परेड हुई और वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने परेड की सलामी ली। वहीं वायु सेना ने इस अवसर पर 72 वर्ष बाद अपना ध्वज भी बदला।