RO/ARO Paper leak: पेपर लीक गिरोह का सरगना इस एप के जरिए करता था बातचीत, इसका आतंकी, नक्सली और कुख्यात अपराधी करते हैं इस्तेमाल
RO/ARO Paper leak एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह ने टीम के साथ पेपर लीक कांड में शामिल जीडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल पारा लखनऊ के प्रधानाचार्य अभिषेक शुक्ला एसपी ब्लू स्टार पब्लिक स्कूल झूंसी के मैनेजर कमलेश कुमार पाल उर्फ केके बिशप जानसन गर्ल्स स्कूल एंड कालेज का कर्मचारी अर्पित विनीत यशवंत और सरगना डा. शरद पटेल को गिरफ्तार किया था।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। RO/ARO Paper leak समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) के पेपर लीक करने वाला सरगना डा. शरद पटेल और उसके सहयोगी जंगी एप के जरिए बातचीत करते थे। सभी के मोबाइल में यह एप डाउनलोड था। पूछताछ में भी आरोपितों ने इसी एप के माध्यम से संपर्क रखने की बात स्वीकार की है।
आमतौर पर इस एप का इस्तेमाल आतंकी, नक्सली और कुख्यात अपराधी करते हैं, लेकिन पेपर लीक मामले के अभियुक्तों की इस कारस्तानी का पता चलने पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अधिकारी भी हैरान रह गए। कहा गया है कि यह एप आउट आफ सर्विलांस होता है, जिस कारण ऐसे लोगों को पकड़ना आसान नहीं होता है।
शनिवार को एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह ने टीम के साथ पेपर लीक कांड में शामिल जीडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल पारा लखनऊ के प्रधानाचार्य अभिषेक शुक्ला, एसपी ब्लू स्टार पब्लिक स्कूल झूंसी के मैनेजर कमलेश कुमार पाल उर्फ केके, बिशप जानसन गर्ल्स स्कूल एंड कालेज का कर्मचारी अर्पित विनीत यशवंत और सरगना डा. शरद पटेल को गिरफ्तार किया था।
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सूत्रों का कहना है कि अभियुक्तों के पास से बरामद मोबाइल की जब जांच हुई तो जंगी एप के बारे में पता चला। पूछताछ करने पर अभियुक्तों ने कहा कि वह इसी एप के जरिए एक-दूसरे से बातचीत करते थे, ताकि वह एसटीएफ व पुलिस की पकड़ से दूर रह सकें। हालांकि एसटीएफ की टीम अब इसी गिरोह से जुड़े अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए नए तरीके से जाल बिछा रही है।
14 मददगारों की बनाई जा रही सूची
एसटीएफ का कहना है कि लखनऊ के डा. शरद पटेल, अभिषेक शुक्ला व झूंसी के कमलेश और कैंट निवासी अर्पित विनीत के 14 मददगारों की भी सूची तैयार हो रही है। जांच में पता चला है कि कई शख्स इनकी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मदद करते थे।फरारी के दौरान कुछ ने इन्हें अपने-अपने ठिकानों पर सुरक्षित रूप से छिपाया भी था। इसके साथ ही उन्हें अलग-अलग तरह से सुविधा भी मुहैय्या करवाते थे। इसमें प्रयागराज के अलावा कई जिले के युवक शामिल हैं। ऐसे सभी युवकों की फेहरिस्त तैयार की जा रही है, जिनकी तलाश तेज होगी।
इसे भी पढ़ें- यूपी के इस एयरपोर्ट को बनाया जाएगा हाईटेक, केंद्र सरकार से होगा 900 करोड़ रुपये का करारबैंक खातों की होगी जांचपेपर लीक मामले के आरोपितों के बैंक खातों की जांच होगी। इसके लिए एसटीएफ की ओर से संबंधित बैंकों को पत्र भेजा जा रहा है। कहा गया है कि बैंक खातों की जांच से उनके लेनदेन और जमा पैसा के बारे में पता चल सकेगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। शुरुआती छानबीन में अभियुक्तों के अलग-अलग बैंक में कई खाते होने का पता चला है। खासकर डा. शरद पटेल की संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए खाते के लेनदेन का विवरण जरूरी है।
13 को बनाया आरोपित आरओ/एआरओ पेपर लीक मामले में अब तक पकड़े गए 13 आरोपितों को सिविल लाइंस पुलिस ने अपने मुकदमे में भी अभियुक्त बना दिया है। इसमें मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा, डा. शरद पटेल समेत अन्य अभियुक्तों का नाम शामिल है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित कराई गई आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद आयोग के सचिव अशोक कुमार की ओर से सिविल लाइंस थाने में सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस रामाश्रय यादव का कहना है कि मुकदमे की विवेचना के दौरान सभी का नाम प्रकाश में लाया गया है।
सुभाष प्रकाश समेत चार की तलाश डा. शरद पटेल की गिरफ्तारी के बाद अब एसटीएफ की अब सुभाष प्रकाश, कामेश्वर मौर्या, संजय कुशवाहा और पुष्कर पांडेय की तलाश तेज हो गई है। कहा गया है कि आरओ/एआरओ का पेपर एक एजेंसी अथवा प्रिंटिंग प्रेस से भी पेपर आउट हुआ था, जिसका पता नहीं चल सका है। अधिकारियों का कहना है इसके बारे में बैरा जयनगर, मधुबनी बिहार निवासी सुभाष प्रकाश के पकड़े जाने पता चल सकेगा।
इसके साथ ही अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी पर इस मामले से जुड़े कई नए तथ्य भी सामने आएंगे। सुभाष पिछले कई साल से भोपाल में रह रहा है। फिलहाल इनकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की टीम संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। यूपी के अलावा बिहार, मध्य प्रदेश और दिल्ली में भी गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया गया है।
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