Lok Sabha Election: फूलपुर संसदीय सीट से धर्मेंद्र यादव लड़ेगे लोकसभा चुनाव? बदायूं से टिकट कटने के बाद अटकलें तेज
फूलपुर संसदीय सीट पर अभी किसी भी दल ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। समाजवादी पार्टी भी अपना उम्मीदवार तभी मैदान में उतारेगी जब भाजपा अपने प्रत्याशी की घोषणा कर देगी। सपा से अभी तक पूर्व सांसद और विधायक के साथ ही कई पूर्व व वर्तमान पदाधिकारी टिकट के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं तो वहीं पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव का नाम भी सामने आ रहा है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। फूलपुर संसदीय सीट पर अभी किसी भी दल ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। समाजवादी पार्टी भी अपना उम्मीदवार तभी मैदान में उतारेगी, जब भाजपा अपने प्रत्याशी की घोषणा कर देगी।
सपा से अभी तक पूर्व सांसद और विधायक के साथ ही कई पूर्व व वर्तमान पदाधिकारी टिकट के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं तो वहीं पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव का नाम भी सामने आ रहा है। फूलपुर से पार्टी द्वारा उनको मैदान में उतारने की सुगबुगाहट मिल रही है। हालांकि स्थानीय स्तर पर कोई भी पदाधिकारी स्पष्ट तौर पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
इस सीट पर सपा का दो बार रहा है कब्जा
फूलपुर संसदीय सीट पर समाजवादी पार्टी का दो बार कब्जा रह चुका है। अबकी सपा इस सीट पर अपनी जीत दर्ज करना चाहती है। कांग्रेस से गठबंधन भी हो गया है। ऐसे में मैदान में उतारे जाने वाले प्रत्याशी को लेकर शीर्ष नेतृत्व फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है।वहीं, टिकट के लिए पूर्व सांसद, विधायक, पहले चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों के साथ ही कई पूर्व व वर्तमान पदाधिकारी भी लगातार दावेदारी कर रहे हैं। वह कैसे चुनाव में विजयश्री हासिल करेंगे, इसका पूरा गुणा-गणित शीर्ष नेतृत्व को बता रहे हैं।
बदायूं से शिवपाल को दिया गया टिकट
वहीं, अचानक पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव का नाम भी सुर्खियों में आ गया है। बदायूं से उनका टिकट काटकर शिवपाल यादव को दे दिया गया है। धर्मेंद्र यादव को कन्नौज व आजमगढ़ का प्रभारी बनाया गया है। हालांकि, धर्मेंद्र का नाम फूलपुर से चर्चा में आने के बाद पार्टी के कुछ पुराने नेताओं का कहना है कि वह यहां की छात्र राजनीति से जुड़े रहे हैं।प्रयागराज जिले के किसी भी मुद्दे को धर्मेंद्र यादव ने हमेशा गंभीरता से लिया है और यहां आए भी हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों के बीच उनकी मजबूत पकड़ भी है। हालांकि, जिलाध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि फूलपुर संसदीय सीट से कौन चुनाव लड़ेगा, इसका निर्णय शीर्ष नेतृत्व करेगा।
कांग्रेस से गठबंधन का लाभ सपा को मिलेगा तो वहीं कांग्रेस को भी फायदा होगा। दोनों पार्टी के कार्यकर्ता एकजुट होकर प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करेंगे।इसे भी पढ़ें: यूपी के इस जिले में छह सड़कों से एक सप्ताह में हटेंगे धार्मिक स्थल व मकान, डीएम ने जारी किए निर्देश
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