Move to Jagran APP

मदुरै ट्रेन हादसे से सबक, आग पर काबू पाने को उत्तर मध्य रेलवे के सभी कोच में लगेंगे FDSS; ऐसे मिलेगी मदद

Madurai Train Fire मदुरई में ट्रेन दुर्घटना के बाद प्रयागराज जंक्शन पर आरपीएफ के जवानों ने ट्रेन के अंदर सिलेंडर व ज्वलनशील सामग्री की जांच की। उधर हादसे सबक लेकर उत्तर मध्य रेलवे में सुरक्षा संरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा शुरू हो गई है। महाप्रबंधक ने सभी ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था व आग जैसी घटनाओं को लेकर रिपोर्ट मांगी है।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 27 Aug 2023 11:03 AM (IST)
Hero Image
मदुरै ट्रेन हादसे के बाद प्रयागराज जंक्शन पर ट्रेन के अंदर सिलेंडर की जांच करते जवान। -सौ. आरपीएफ
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। Madurai Train Fire : मदुरै में कोच के अंदर आग लगने के बाद यात्रियों के जिंदा जलने के बाद उत्तर मध्य रेलवे में सुरक्षा संरक्षा को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा शुरू हो गई है। महाप्रबंधक सतीश कुमार ने उत्तर मध्य रेलवे की सभी ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था व आग जैसी घटनाओं को लेकर रिपोर्ट मांगी है। अगले चार महीने में सभी एलएचबी कोच को एफडीएसएस (फायर स्मोक डिटेक्शन व सप्रेशन प्रणाली) से लैस करने का निर्देश दिया है। यह प्रणाली ट्रेन में आग लगते ही स्वत: पानी बरसाने लगेगा। पानी की बौछार से तत्काल आग पर काबू पाने में मदद मिलेगी।

महाप्रबंधक को भेजी गई प्राथमिक रिपोर्ट में बताया गया है कि एनसीआर की 475 एलएचबी कोच व 50 पावर कार में एफडीएसएस लगा दिया गया है। अब मात्र 29 एलएचबी (लिंक हाफ बुशमैन) कोच में ही एफडीएसएस लगना है जो, अगले 120 दिनों में लगा दिया जाएगा। मदुरई घटना में पता चला है कि कोच में एफडीएसएस नहीं था जिसके कारण आग फैलने से रोका नहीं जा सका और हादसा हो गया। अब इस तरह की घटना एनसीआर की किसी ट्रेन में न हो इसके लिए युद्ध स्तर पर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।

इसे भी पढ़ें, Madurai Train Fire: प्राइवेट कोच में पार्टी पड़ गई भारी, पढ़ें कैसे मदुरै एक्सप्रेस बन गई 'द बर्निंग ट्रेन'

अगले माह होने वाली संरक्षा बैठक में उत्तर मध्य रेलवे के तीनों डीआरएम (प्रयागराज, आगरा व झांसी) अपनी फाइनल रिपोर्ट भी सबमिट करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोच में आग जैसी घटनाओं से बचाव के पुख्ता इंतजाम हों। एनसीआर के वरिष्ठ पीआरओ डा. अमित मालवीय ने बताया कि एनसीआर अपनी ट्रेनों के पावर कार एवं पैंट्रीकार में एफडीएसएस के रूप में अत्याधुनिक प्रणाली को लगा रहा है। दिसंबर तक सभी एलएचबी कोच इससे लैस हो जाएंगे। इससे संरक्षा बढ़ेगी।

कैसे करेगा कार्य

कंट्रोल पैनल के पास 50 लीटर का एक नाइट्रोजन सिलेंडर होगा। जिसका प्रेशर 150-200 किग्रा प्रति सेमी स्क्वायर होगा। इसकी एक पाइप 80 लीटर के दो पानी के सिलेंडर से जुड़ी होगी। अंदर स्मोक व हीट सेंसर होंगे। स्मोक को शक कर अलग अलर्ट जाएगा। जबकि एक एलएचडी (लीनियर हीट डिडेक्टर) तार कोच में होगा। यह 90 डिग्री तापमान पहुंचते ही डैमेज होगा और सिग्नल कंट्रोल पैनल के पास जाएगा। इससे एफडीएसएस एक्टीवेट हो जाएगा। 30 सेकेंड के अंदर नाइट्रोजन पाइप से पानी के टैंक में जाएगा और स्प्रे की तरह बहुत छोटी बूंदें बनकर हाई प्रेशर के साथ बौछार शुरू कर देगा। कोच में पाइप से जुड़े सभी नोजुल खुल जाएंगे और बौछार से आग को पूरी तरह से ढक लेगा।

इसे भी पढ़ें, Madurai Train Fire: लखनऊ से रामेश्वरम जा रही ट्रेन में भीषण आग, 9 लोगों की मौत; आग लगने का कारण आया सामने

ये ट्रेनें लैस

प्रयागराज एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, प्रयागराज -डा. अंबेडकर नगर एक्सप्रेस, संगम एक्सप्रेस, सूबेदारगंज-देहरादून एक्सप्रेस, प्रयागराज-बीकानेर एक्सप्रेस, कानपुर शताब्दी समेत एनसीआर की 44 जोड़ी ट्रेनों में एफडीएसएस लग चुका है। इसमें प्रयागराज मंडल की सर्वाधिक 22 जोड़ी, झांसी मंडल की 14 जोड़ी व आगरा मंडल की आठ जोड़ी ट्रेनें शामिल हैं।

जंक्शन पर ट्रेनों की हुई जांच, खोजे गए सिलेंडर

मदुरई रेलवे स्टेशन पर ट्रेन हादसे के बाद प्रयागराज जंक्शन पर शनिवार को ट्रेनों में ज्वलनशील पदार्थ और सिलेंडर आदि खोजे जाते रहे। हालांकि इस तरह की कोई भी सामग्री नहीं मिली। आरपीएफ एनसीआर के निर्देश के बाद जगह-जगह स्टेशनों पर चेकिंग अभियान चलाया गया। संदिग्ध दिखने वाले यात्रियों व उनके सामान की जांच भी हुई। आइआरसीटीसी का किचन, ट्रेनों में पैंट्रीकार को भी देखा गया। आरपीएफ पोस्ट प्रभारी एसके सिंह ने बताया कि पूरे जंक्शन पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।