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Magh Mela 2024: संगम तट से विदाई की बेला पास, शैया दान कर रहे हैं कल्पवासी; जानिए आखिरी स्नान की तारीख

Magh Mela 2024 15 जनवरी से शुरू हुआ माघ मेला मार्च में खत्म होगा। प्रयागराज के संगम तट पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। अब माघ मेला अपने समापन की ओर है। संगम तट से विदाई की बेला आ गई है। घर-गृहस्थी में लौटने से पहले कल्पवासी शैया दान कर रहे हैं। जीवन-मृत्यु के बंधनों से मुक्ति की संकल्पना को साकार करने के लिए शैया दान आरंभ हो गया।

By amarish kumar Edited By: Swati Singh Updated: Sat, 17 Feb 2024 11:13 AM (IST)
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संगम तट से विदाई की बेला पास, शैया दान कर रहे हैं कल्पवासी
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। संगम तट से विदाई की बेला आ गई है। घर-गृहस्थी में लौटने से पहले कल्पवासी शैया दान कर रहे हैं। जीवन-मृत्यु के बंधनों से मुक्ति की संकल्पना को साकार करने के लिए शैया दान का क्रम आरंभ हो गया है। 'यथा शक्ति तत्र दाने, शैया दान स्वयं प्रभा..' के भाव से कल्पवासी तीर्थपुरोहितों को दान कर रहे हैं।

कल्पवासी अपनी सामर्थ्य के अनुसार बाइक, एलईडी, डबल बेड, फ्रिज आदि दान कर रहे हैं। दंडी स्वामी नगर में तीर्थ पुरोहित हनुमान जी महाराज के शिविर में कल्पवास कर रहे प्रतापगढ़ के कुंडा तहसील के निवासी ओम प्रकाश द्विवेदी ने शैया दान किया। कल्पवास के 16वें वर्ष उन्होंने सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, बक्शा, सोने का सिक्का, अनाज आदि का दान करके आशीर्वाद लिया।

दान में दिया जा रहा बेड और फ्रिज

तीर्थपुरोहित गंगा महासभा के अध्यक्ष धीरज शर्मा के संगम अपर मार्ग स्थित शिविर में कल्पवास करने वाली दिल्ली की बेबी पाठक ने फ्रिज, डबल बेड, एलईडी, बर्तन आदि दान दिया है।

सदियों से है दान की परंपरा

प्रयागराज में माघ मास में दान करने का अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। स्नान-दान की परंपरा सदियों से चली आ रही है। प्राचीन काल में महाराजा हर्षवर्धन प्रतिवर्ष माघ मास में संगम स्नान करने आते थे। स्नान के बाद समस्त संपदा दान करके एक वस्त्र में लौटते थे।

12 वर्ष में है दान का विधान

पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार कल्पवास 12 वर्ष में पूर्ण होता है। शैया दान करने पर ही कल्पवास का पूर्ण फल प्राप्त होता है। इसे 'श्रेयो दान' अथरत श्रेय के लिए दान करने का विधान है। उसी को शैया व सजिया दान कहते हैं। अग्नि पुराण, स्कंध पुराण में इसका जिक्र है। इसमें गृहस्थी की वो समस्त सामग्री दान दी जाती है, जिसका उपभोग कल्पवासी करते हैं। इसी कारण वाहन, टीवी, बेड, घड़ी, फ्रिज, गाय व अन्न आदि का दान दिया जाता है। इसके जरिए कल्पवासी अगला जन्म भी इसी तरह सुखी व संपन्न पाने की कामना करते हैं।

8 मार्च को आखिरी स्नान

15 जनवरी से शुरू हुआ माघ मेला मार्च में खत्म होगा। प्रयागराज के संगम तट पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। आईए माघ मेला के स्नान की तारीखों पर नजर डाल लेते हैं...

  • माघ मेला में पहला स्नान- मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024
  • दूसरा स्नान - 25 जनवरी 2024 को पौष पूर्णिमा, कल्पवास का आरंभ
  • माघ मेले का तीसरा स्नान-9 फरवरी 2024 को मौनी अमावस्या पर
  • चौथा स्नान- बसंत पंचमी 14 फरवरी 2024
  • पांचवा स्नान- माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024
  • आखिरी स्नान - 8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि
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