कुंभ क्षेत्र को दिव्य-भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान कर रही योगी सरकार, समुद्र मंथन के 14 रत्नों की थीम पर आधारित होंगे गेट्स
महाकुंभ में सुरक्षा सुविधा और स्वच्छता के साथ-साथ महाकुंभ की सुंदरता को लेकर भी योगी सरकार मिशन मोड में कार्य कर रही है। महाकुंभ से पहले ही प्रयागराज को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि महाकुंभ के आयोजन के दौरान जब श्रद्धालु संगम नगरी पहुंचेंगे तो यहां की आभा देखकर न सिर्फ दंग रह जाएंगे बल्कि पूरी तरह धार्मिकता के रंग में रंग जाएं।
डिजिटल टीम, प्रयागराज। प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ को योगी सरकार भव्य और दिव्य बनाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी है। कुंभ क्षेत्र में नदियों की बाढ़ की वजह से अभी तक कुंभ मेला प्रशासन का फोकस मेला की स्थाई तैयारियों की तरफ था लेकिन जैसे-जैसे नदियों का बाढ़ का पानी तेजी से घट रहा है अब कुंभ क्षेत्र में अस्थाई कार्यों ने भी रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है। इन अस्थाई कार्यों में कुंभ क्षेत्र का सौंदर्यीकरण भी शामिल है। इसी क्रम में मेला क्षेत्र में थिमेटिक गेट्स का निर्माण किया जा रहा है।
महाकुंभ में सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता के साथ-साथ महाकुंभ की सुंदरता को लेकर भी योगी सरकार मिशन मोड में कार्य कर रही है। महाकुंभ से पहले ही प्रयागराज को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि महाकुंभ के आयोजन के दौरान जब श्रद्धालु संगम नगरी पहुंचेंगे तो यहां की आभा देखकर न सिर्फ दंग रह जाएंगे, बल्कि पूरी तरह धार्मिक आस्था के रंग में सराबोर हो जाएं। शहरी इलाके में सौंदर्यीकरण की योजना पर कार्य गति पकड़ चुका है। लेकिन अब कुंभ क्षेत्र में सौंदर्यीकरण की योजना पर कार्य शुरू हो गया है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि कुंभ क्षेत्र में सौंदर्यीकरण की योजना के अंतर्गत 30 अस्थाई थिमेटिक गेट्स के निर्माण की योजना है। बाढ़ की वजह से यह कार्य रुका हुआ था लेकिन अब बाढ़ का पानी कम होते ही अस्थायी थिमैटिक गेट्स की स्थापना के लिए ईओआई (एक्सप्रेशन ऑफ इन्ट्रेस्ट) आमंत्रित किए गए हैं। अभी तक 10 फर्मों से अभिरुचि के सापेक्ष 600 गेटों की डिजाईन प्राप्त हुई हैं। इन 600 डिजाईन में से चयनित डिजाईनों के अनुसार वित्तीय निविदा प्रक्रियाधीन है।
इन सभी गेट्स के निर्माण के लिए कुंभ की पौराणिक कथा के प्रसंग में समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों का चयन किया गया है। पौराणिक मूर्ति विज्ञान को आधार में रखकर इन गेट्स का निर्माण किया जायेगा।क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी का कहना है कि कुंभ क्षेत्र में चारो दिशाओं में इनका इनका निर्माण होगा लेकिन मेला क्षेत्र के जिन सेक्टर्स में पर्यटकों और श्रद्धालुओं का आवागमन अधिक रहता है उनमें इन गेट्स के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी। इन गेट्स के आसपास ही मेला क्षेत्र के प्रमुख सेक्टर्स के साइनजेज भी लगाए जाएंगे। गेट्स के निर्माण में इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि रात के समय इन गेट्स में ऐसी प्रकाश व्यवस्था की जाए जिससे ये दूर से ही अपनी भव्यता के साथ यहां आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करें।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।