महाकुंभ में दुकान लगाने को लेकर बवाल, अखाड़ा परिषद और मुस्लिम जमात आमने-सामने; महंत बोले- हमें मक्का और मदीना...
महाकुंभ 2024 में खाने-पीने की दुकानों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने गैर-सनातनियों को दुकानें लगाने से रोकने की मांग की है। इस पर आल इंडिया मुस्लिम जमात ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जमात का कहना है कि यह फैसला सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है। उत्तर प्रदेश सरकार से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। महाकुंभ में समुदाय विशेष को खाने-पीने की दुकाने न लगाने देने पर आल इंडिया मुस्लिम जमात व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद आमने-सामने आ गए हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने पिछले दिनों कहा कथा कि महाकुंभ में गैर सनातनियों को खाने पीने की दुकानें नहीं लगाने देना चाहिए। प्रशासन को इस संदर्भ में जरूरी कदम उठाना चाहिए। इस पर रविवार को प्रतिक्रिया आई।
आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अखाड़ा परिषद से कहा, यह फैसला साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है। समाज में नफरत फैलाने वाला है। उन्होंने रविवार को एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर इसे लेकर प्रसारित किया।
कहा, प्रयागराज में महाकुम्भ होने जा रहा है। वह चाहते हैं कि मेला अमन व शांति के साथ पूरा हो। अफसोस की बात है कि अखाड़ा परिषद ने घोषणा की है कि मेले में समुदाय विशेष की दुकान नहीं लगने दी जाएगी। इस फैसले पर विचार होना चाहिए।
कानूनी कार्रवाई की मांग
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इस संदर्भ में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने सवाल पूछा कि हमें मक्का और मदीना में क्यों नहीं जाने दिया जाता। वहां पर हिंदुओं के जाने पर रोक क्यों है। हम तो रघुपति राघव राजा राम, ईश्वर अल्ला तेरे नाम की संस्कृति के हैं। हमारे मेले में मुस्लिम दुकान लगाएंगे तो हमें भी अनुमति मिले।महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि हम मुस्लिमों के दुकान लगाने का इसलिए विरोध कर रहे हैं कि वे खाने पीने के सामान में गंदी चीजें मिलाते हैं। ऐसे लोगों का विरोध लगातार होता रहेगा।
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