महाकुंभ 2025: शाही स्नान और पेशवाई के नाम बदलेंगे, अखाड़ा परिषद ने किया प्रस्ताव पारित
महाकुंभ 2025 में बदलाव की बयार बह रही है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कुंभ और महाकुंभ के दौरान विभिन्न अखाड़ों के शाही स्नान और पेशवाई जैसे उर्दू-फारसीनिष्ठ शब्दों के स्थान पर हिंदी-संस्कृतनिष्ठ शब्दों के प्रयोग का प्रस्ताव पारित किया है। इसी के साथ गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने मंदिरों में सरकारी हस्तक्षेप हटाने देश भर में समान नागरिक संहिता लागू करने सहित अन्य प्रस्ताव भी पारित किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कुंभ व महाकुंभ के दौरान विभिन्न अखाड़ों के शाही स्नान व पेशवाई जैसे उर्दू-फारसीनिष्ठ शब्दों के स्थान पर हिंदी-संस्कृतनिष्ठ शब्दों के प्रयोग का प्रस्ताव पारित किया है। इसी के साथ गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने, मंदिरों में सरकारी हस्तक्षेप हटाने, देश भर में समान नागरिक संहिता लागू करने सहित अन्य प्रस्ताव भी पारित किए हैं।
बैठक में संतों ने शाही व पेशवाई के स्थानापन्न कई नए नामों पर चर्चा की, तय हुआ कि नया नाम परिषद की अगली बैठक में तय किया जाएगा। इन नामों को बदलने का अभियान दैनिक जागरण व मध्य प्रदेश में दैनिक जागरण समूह के सहयोगी प्रकाशन नई दुनिया ने शुरू किया था।
मध्य प्रदेश में संत व सरकार शाही के स्थान पर राजसी शब्द पर सहमत हो चुके हैं। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा के लिए आ रहे हैं। संभावना है कि शासकीय आयोजनों में भी वह शाही व पेशवाई जैसे शब्दों के विकल्पों के प्रयोग पर सहमति दे सकते हैं।
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नाम बदलने के अभियान को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवीन्द्र पुरी पहले ही समर्थन दे चुके हैं। उन्होंने परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव लाने का वचन दिया था। संत समाज के साथ, महापौर, सांसद, विधायक, सनातन धर्म के मर्मज्ञों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर उचित कार्रवाई की मांग की थी।
परिषद की बैठक के दूसरे दिन शनिवार को अध्यक्ष श्रीमहंत रवीन्द्र पुरी ने कहा कि भारत धर्म निरपेक्ष देश है, जहां संविधान सर्वोपरि है। संविधान ने समस्त नागरिकों को बराबर अधिकार दिया है। इसके बावजूद जाति-धर्म के नाम पर विशेष वर्ग के लोगों को अतिरिक्त सुविधा दी जा रही है।
ऐसे में देशभर में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए। अखाड़ों के संत प्रवचन, वैचारिक गोष्ठी, संवाद के जरिए माहौल बनाएंगे। उन्होंने लव जिहाद व हिंदुओं के मतांतरण को गंभीर समस्या बताते हुए सख्त कानून बनाने की मांग की।उन्होंने कहा कि शाही स्नान व पेशवाई की जगह नए नाम पर महाकुंभ से पहले निर्णय ले लिया जाएगा। फिर उसे जहां-जहां कुंभ लगता है, उन प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को भेजा जाएगा, जिससे वह उसके अनुरूप उचित कदम उठाएं।
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