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Mahakumbh 2025 पर 200 देशों के स्वागत को बसेगा तंबुओं का शहर, 17 प्वाइंट्स में जानें महाकुंभ की खास तैयारियां

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए खास तैयारियां हो रही हैं। संगम तट पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाओं के लिए प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। यहां 25 हजार श्रद्धालुओं के लिए जनता टेंट 10 हजार की क्षमता वाला गंगा पंडाल बनेगा। सभी प्रस्तावों पर प्रयागराज मेला प्राधिकरण की 15वीं बोर्ड बैठक में कमिश्नर ने स्वीकृति दी।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sat, 30 Sep 2023 02:39 PM (IST)
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महाकुंभ में 200 देशों के स्वागत को बसेगा तंबुओं का शहर। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मकर संक्रांति से शुरू हो रहे आस्था के महापर्व महाकुंभ 2025 में 200 देशों के प्रतिनिधि आएंगे। संगम तट पर उनके स्वागत के लिए वैश्विक इतिहास का सबसे बड़ा तंबुओं का शहर 4000 हेक्टेयर में बसेगा। 25 हजार श्रद्धालुओं के लिए जनता टेंट, 10 हजार की क्षमता वाला गंगा पंडाल बनेगा। 25 सेक्टर का मेला, 1.45 लाख शौचालय, 25 हजार डस्टबिन, 10 हजार सफाईकर्मी तैनात होंगे।

प्रस्तावों पर कमिश्नर की हरी झंडी

इन प्रस्तावों पर प्रयागराज मेला प्राधिकरण की 15वीं बोर्ड बैठक में मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने सैद्धांतिक स्वीकृति दी। महाकुंभ मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि मेले की बसावट इस बार 800 हेक्टेयर अधिक है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 800 सफाई गैंग व आइसीटी बेस्ड मानिटरिंग सिस्टम लागू होगा।

हरित कुंभ बनाने को लगाए जाएंगे डेढ़ लाख पौधे

महाकुंभ को हरित कुंभ बनाने के लिए डेढ़ लाख पेड़ पौधे लगाए जाएंगे। पीएमआइएस पोर्टल पर सभी परियोजनाओं की एक क्लिक पर जानकारी मिलेगी। इसके लिए एजेंसी आबद्ध होगी। माघ मेला 2023-24 के बाद 100 एफआरपी शौचालय क्रियान्वित रहेंगे।

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खास तैयारियां

  • 1200 महाकुंभ स्पेशल ट्रेन, 10 हजार बसों का संचालन
  • भीड़ प्रबंधन के लिए इंट्रीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सिस्टम
  • एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे से महाकुंभ क्षेत्र तक 5000 कैमरे
  • 20 शहरों से विमान सेवा, रात्रि में विामनों के उतरने की सुविधा
  • 17 आरओबी व आरयूबी
  • हेलीकाप्टर से संगम क्षेत्र का दर्शन, मिनी क्रूज का संचालन
  • बस अड्डा, रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास
  • 120 अस्थायी पार्किंग स्थल
  • 40 स्थानों पर वीएमडी स्क्रीन
  • 1000 शटल बसें, 300 इलेक्ट्रिक बसें
  • 2000 डीलक्स और महाराजा काटेज क्षमता की टेंट सिटी
  • सात रीवरफ्रंट टाइप सड़कें
  • अक्षयवट, सरस्वती कूप, भरद्वाज आश्रम व द्वादश माधव कारिडोर का विकास
  • 39 चौराहे, 91 सड़कों का सुंदरीकरण व चौड़ीकरण, सात पक्के घाट
  • पुलिस, पीएसी, पैरामिलिट्री के एक लाख जवान
  • 20 प्रवेश द्वार से महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश
  • 40 स्नान घाट, आठ किमी नदी में बैरिकेडिंग

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