Mahakumbh 2025: महाकुंभ के अखाड़ों में अफसरों की ‘स्पेशल 26’ की टीम, जानिए क्या इसकी वजह?
महाकुंभ 2025 में अखाड़ों के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। 13 अखाड़ों को जमीन दी जाएगी और दो सेक्टरों (18 और 19) में बसाया जाएगा। अखाड़ों के लिए विशेष सुविधाएं जैसे विद्युत जल अस्पताल थाना और उपकेंद्र बनाए जाएंगे। शंकराचार्य नगर के लिए भी विशेष प्रबंध किए जाएंगे। महाकुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि अखाड़ों के लिए परंपरागत सुविधाएं दी जाएंगी।
ज्ञानेंद्र सिंह, प्रयागराज। महाकुंभ के वैभव और गौरव कहे जाने वाले अखाड़ों के लिए मेला क्षेत्र में विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। महाकुंभ के सबसे बड़े आकर्षण इन अखाड़ों को महाकुंभ के दो सेक्टरों 18 एवं 19 में बसाने की तैयारी की जा रही है। क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़े ये ही दोनों सेक्टर होंगे।
महाकुंभ में कुल 13 अखाड़ों को जमीन दी जाती है। इन अखाड़ों को जमीन और सुविधा के लिए अफसरों की ‘स्पेशल 26’ की टीम तैनात की जा रही है। अखाड़ों के लिए विद्युत, जल निगम, पीडब्ल्यूडी के स्पेशल तौर पर एक-एक एक्सईएन, दो-दो एई तथा तीन-तीन जेई की तैनाती की जा रही है।
करोड़ों लोग देखने आते हैं शाही स्नान
अखाड़ों के लिए एडीएम, एएसपी, एसडीएम, सीओ, इंस्पेक्टर, तहसीलदार, एसीएमओ, जोनल अफसर भी तैनात होंगे। अखाड़ा में अस्पताल और अलग से अखाड़ा थाना बनेगा। बिजली, जल निगम, पीडब्ल्यूडी के कार्यालय भी बनाए जाएंगे। अखाड़ों के लिए अलग से उपकेंद्र बनेंगे तथा नलकूप लगाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि सबसे ज्यादा श्रद्धालु अखाड़ों में ही जाते हैं। वहां लंगर और भंडारा चलता है। अखाड़ों के लिए ही शाही स्नान होता है, जिसके लिए शाही पथ बनता है, जिससे अखाड़ों के संत संगम जाते हैं। अखाड़ों के शाही स्नान को देखने करोड़ों लोग पहुंचते हैं।
अखाड़े तो महाकुंभ आन-बान और शान हैं। उनके लिए परंपरागत जो सुविधाएं मिलती हैं, वो अवश्य दी जाएंगी। अखाड़ा के लिए अलग से अधिकारियों की तैनाती भी कराई जा रही है।
-विजय किरन आनंद, महाकुंभ मेलाधिकारी
शंकराचार्य नगर के लिए भी विशेष अधिकारी
शंकराचार्यों के लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में सेक्टर पांच में जमीन आवंटित की जाएगी, जहां शंकराचार्य नगर बसाया जाएगा। इस नगर के लिए भी विशेष तौर पर पुलिस-प्रशासन व अन्य विभागों के अधिकारियों की तैनाती की जा रही है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।