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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में दुनिया देखेगी आजाद की 'बमतुल बुखारा', पिस्तौल बनेगी आकर्षण का केंद्र

महाकुंभ 2025 में संगम की रेती पर एक अनोखा आकर्षण देखने को मिलेगा। देश के महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की ऐतिहासिक पिस्तौल बमतुल बुखारा की प्रतिकृति का प्रदर्शन किया जाएगा। यह पिस्तौल अंग्रेजों के खिलाफ आजाद के संघर्ष का प्रतीक है। इसके अलावा महाकुंभ में संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की पहल पर कई अन्य कार्यक्रम और प्रदर्शनियां भी आयोजित की जाएंगी।

By amardeep bhatt Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 03 Nov 2024 10:00 AM (IST)
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चंद्रशेखर आजाद की पिस्तौल बमतुल बुखारा। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन महाकुंभ में योगी सरकार ऐसे आयोजनों पर जोर दे रही है जिससे संगम और प्रयागराज की आभा पूरी दुनिया में फैले। महाकुंभ को पहले के आयोजनों से ज्यादा विराट और भव्य बनाने की तैयारी है।

इसमें संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की पहल पर अमर बलिदारी चंद्रशेखर आजाद की ऐतिहासिक पिस्तौल की प्रतिकृति भी अपनी झलक दिखाएगी। देश को अंग्रेजी शासन से स्वतंत्रता मिलने पर चंद्रशेखर आजाद का बड़ा योगदान रहा है, उनकी पिस्तौल महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र रहेगी।

संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डा. राजेश मिश्रा ने बताया कि महान क्रांतिकारियों के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी के आयोजन की तैयारी है। प्रदेश सरकार महाकुंभ मेला क्षेत्र में संग्रहालय को जगह उपलब्ध करा रही है। इसमें धरोहरों की प्रदर्शनी लगेगी, आजाद की पिस्तौल की प्रतिकृति भी प्रदर्शित की जाएगी। प्राचीन हथियारों की प्रतिकृति विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहेंगी।

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पिस्तौल को आजाद कहते थे बमतुल बुखारा

आजाद ने जिस पिस्तौल से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे उससे फायर होने पर धुआं नहीं निकलता था। इसलिए अंग्रेज़ों को पता ही नहीं चल पाता था कि गोलियां किधर से आ रही हैं। डा. राजेश मिश्रा ने बताया कि यह कोल्ट कंपनी की प्वाइंट 32 बोर की हैमरलेस सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल। इसमें एक बार में आठ गोलियों की मैगजीन लगती। इलाहाबाद संग्रहालय में यह धरोहर स्वरूप है और अब महाकुंभ में इसे दुनिया देखेगी।

महाकुंभ में अखाड़ों से होगा जमीन आवंटन का श्रीगणेश

महाकुंभ 2025 के लिए संगम की रेती पर तंबुओं की नगरी बसाने के लिए जमीन का आवंटन 12 नवंबर से शुरू हो जाएगा। परंपरा के अनुसार सबसे पहले अखाड़ों को जमीन आवंटित की जाएगी। इस बार अखाड़ों को झूंसी साइड में सेक्टर 18 व 19 में जमीन का आवंटन किया जाएगा।

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महाकुंभ का आगाज 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के अवसर से हो जाएगा। इसके अगले ही दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति का शाही स्नान होगा। जमीन और सुविधा के लिए आनलाइन पंजीकरण शुरू हो चुका है। जमीन और सुविधा के लिए आनलाइन आवेदन 12 नवंबर तक हो सकेगा। इसी दिन से भूमि का आवंटन शुरू करा दिया जाएगा। सबसे पहले अखाड़ों को भूमि का आवंटन किया जाएगा।

इसके बाद आचार्य महामंडलेश्वरों व महामंडलेश्वरों को, फिर खालसों और इसके बाद शंकराचार्यों को जमीन आवंटित की जाएगी। इन सबके बाद दंडीबाड़ा, आचार्य बाड़ा तथा खाक चौक को जमीन दी जाएगी। सभी को 24 नवंबर तक जमीन आवंटित कर दी जाएगी। इसके बाद संस्थानों को जमीन दी जाएगी।

एडीएम महाकुंभ विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि 12 नवंबर से जमीन का आवंटन शुरू करा दिया जाएगा, जो 28 नवंबर तक चलेगा।

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