महाकुंभ में 7 हाइवे पर यातायात की बड़ी योजना तैयार, मेले तक आसान पहुंच के लिए योगी सरकार ने उठाए कई बड़े कदम
महाकुंभ 2025 की भव्य तैयारियों में योगी सरकार ने यातायात व्यवस्था के लिए सात प्रमुख मार्गों की पहचान की है। इन मार्गों पर एकल मार्ग (वन-वे) की व्यवस्था लागू की जाएगी। साथ ही 101 पार्किंग स्थलों का निर्माण किया जा रहा है जिनमें पांच लाख वाहन खड़े होंगे। मेला क्षेत्र को 10 जोन में विभाजित किया जाएगा और सभी जोन को 30 पांटून पुलों के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन के लिए योगी सरकार द्वारा की जा रही तैयारियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं। सरकार की कोशिश है कि श्रद्धालुओं को न सिर्फ महाकुंभ का आध्यात्मिक आनंद मिले, बल्कि उनकी यात्रा भी आसान और सुविधाजनक हो। इस दिशा में राज्य सरकार ने विशेष रूप से सड़क से प्रयागराज तक की पहुंच को सरल बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं।
सड़कों के विकास से लेकर पार्किंग, डिजिटल साइन बोर्ड, शटल बसें, ई-रिक्शा और आपातकालीन योजनाओं तक, हर पहलू पर ध्यान दिया गया है। ये कदम महाकुंभ 2025 को एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और यादगार आयोजन बनाने की दिशा में हैं।
प्रमुख मार्गों पर यातायात की विशेष योजना
प्रमुख मार्गों पर यातायात की विशेष योजना है। देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने सात प्रमुख मार्ग चिह्नित किए हैं।
जिन सात प्रमुख मार्गों को चिह्नित किया गया है उसमें जौनपुर मार्ग से 21 प्रतिशत, वाराणसी मार्ग से 16 प्रतिशत, मीरजापुर मार्ग से 12 प्रतिशत, रीवा मार्ग से 18 प्रतिशत, कानपुर मार्ग से 14 प्रतिशत, लखनऊ मार्ग से 10 प्रतिशत और अयोध्या-प्रतापगढ़ मार्ग से नौ प्रतिशत श्रद्धालुओं के आवागमन की संभावना है।
इन मार्गों पर सामान्य दिनों और प्रमुख पर्वों के लिए यातायात की व्यवस्थाएं अलग होंगी। इन मार्गों पर एकल मार्ग (वन-वे) की व्यवस्था लागू की जाएगी।
सैटेलाइट टाउन के रूप में विकसित होंगे 20 पार्किंग स्थल
सरकार 101 पार्किंग स्थलों का निर्माण करा रही है, जिनमें पांच लाख वाहन खड़े होंगे। इसमें 30 पार्किंग भारी वाहनों के लिए और 71 पार्किंग हल्के वाहनों के लिए हैं। साथ ही 20 पार्किंग स्थलों को सैटेलाइट टाउन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां श्रद्धालुओं को सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके अलावा 67 जनपदीय पार्किंग स्थल और 34 मेला पार्किंग स्थल भी बनाए जाएंगे ।
मेला क्षेत्र में 100 डिजिटल साइनेज और 80 विजुअल मैनेज डिस्प्ले (वीएमडी) लगाए जाएंगे। इन डिजिटल साइनेज और डिस्प्ले बोर्ड्स के माध्यम से श्रद्धालुओं को यातायात मार्ग, मेला क्षेत्र की जानकारी, पार्किंग की स्थिति और अन्य आवश्यक सूचनाएं आसानी से प्राप्त होंगी।
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10 जोन में विकसित होगा मेला क्षेत्र
यातायात के दृष्टिगत मेला क्षेत्र को 10 जोन में विभाजित किया जाएगा। सभी जोन को 30 पांटून पुलों के माध्यम से जोड़ा जाएगा। यह व्यवस्था इस तरह बनाई जा रही है कि श्रद्धालुओं को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक पहुंचने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए 550 शटल बसें और 20000 ई-रिक्शा मेला के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध होंगे, जिससे लोगों को कम पैदल चलना पड़े।
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