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Mahakumbh 2025: बाढ़ व बारिश से महाकुंभ के रुके कार्य, सड़क व आरओबी निर्माण बंद

Mahakumbh 2025 महाकुंभ 2025 की तैयारियों को बाढ़ और बारिश ने प्रभावित किया है। प्रयागराज में चल रहे 418 परियोजनाओं में से 60 प्रतिशत काम पिछड़ गया है। पीडीए पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग के काम सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। बिजली विभाग और सेतु निगम के काम भी बाधित हुए हैं। अस्पतालों एयरपोर्ट और बस अड्डों के निर्माण में भी देरी हो रही है।

By GYANENDRA SINGH1 Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 18 Sep 2024 12:13 PM (IST)
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बाढ़ और बारिश से महाकुंभ के रुके कार्य, आरओबी निर्माण भी बंद

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। पहले बाढ़ और अब बारिश ने महाकुंभ 2025 के कार्यों को रोक दिया। महाकुंभ को लेकर लगभग साढ़े छह हजार करोड़ रुपये की 418 परियोजनाओं का काम चल रहा है। इन परियोजनाओं की हर हफ्ते प्रगति की समीक्षा होती है। इनमें सबसे पीछे पीडीए, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के कार्य हैं। पहले से पीछे चल रहे इन विभागों के कार्य अब बारिश से और भी पिछड़ जाएंगे।

विद्युत विभाग और उप्र सेतु निगम के कार्यों की प्रगति अभी तक संतोषजनक थी मगर बाढ़ व बारिश से इन विभागों के प्रमुख कार्य रुक गए हैं। आरओबी का निर्माण भी रुक गया है। सड़क परियोजनाओं के काम पर भी ब्रेक लग गया है। पीडब्ल्यूडी की 16 बड़ी सड़क परियोजनाएं भी पीछे हैं। पीडीए की 10 सड़क परियोजनाओं का काम काफी पीछे है। बारिश से इनका काम बंद हो गया है।

सिंचाई विभाग बाढ़ खंड की रिवर फ्रंट टाइप रोड्स व स्नान घाटों का काम पहले से बहुत पीछे है, बाढ़ के चलते और भी प्रभावित हो गई। हनुमान मंदिर कारिडोर, अक्षयवट कारिडोर व महर्षि भरद्वाज कारिडोर के साथ ही अलोपशंकरी देवी, मनकामेश्वर और नागवासुकि मंदिर के कार्य भी पीछे हैं।

चौराहों के सौंदर्यीकरण के साथ ट्रैफिक जंक्शन का काम पिछड़ गया है। सड़कों को चौड़ीकरण के लिए तोड़फोड़ और खोदाई कर दी गई है मगर काम पीछे होने से लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है। बारिश का पानी सड़क के गड्ढों में भर गया है।

विद्युत विभाग की परियोजनाओं के 50 प्रतिशत कार्य शेष

उप्र पावर कारपोरेशन निगम लिमिटेड का कुल बजट 517.26 करोड़ रुपये का है। इसमें 211.20 करोड़ से मेला क्षेत्र व 306.06 करोड़ से शहर में काम हो रहा है। अभी 50 प्रतिशत के आसपास कार्य हुआ है। हेतापट्टी में 132/33 केवी सब स्टेशन चालू हो गया है। हालांकि, महाकुंभ के बाहर चल रहा कार्य पिछड़ा हुआ है।

रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों से संगम जाने वाले मार्ग पर अभी भी बिजली के खंभे सड़क पर ही लगे हुए हैं। जबकि सड़क चौड़ीकरण के साथ ही खंभों को भी पीछे किया जाना था। कई जगहों पर सड़क से सटकर लगे ट्रांसफार्मरों को नहीं हटाया गया है।

खुले तारों के स्थान पर केबल लगाने का काम पिछड़ा है। लिंक लाइनों का काम म्योहाल, सिविल लाइंस, रामबाग, पावर हाउस, करैलाबाग में पूरा हो गया है। बारिश होने और फिर जमीन सूखने के बाद ही काम शुरू हो सकेगा।

अस्पतालों के काम भी बंद, निर्माण अधूरे

सरकारी अस्पतालों में नवीन सुविधाएं बढ़ाने के कार्य पहले से अधूरे हैं। अब बारिश ने पानी फेर दिया। टीबी सप्रू चिकित्सालय बेली अस्पताल में प्राइवेट वार्ड, रैन बसेरा और 40 बेड वाले आइसीयू भवन से लेकर मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय काल्विन में इमरजेंसी वार्ड तक प्रगति को 70 प्रतिशत पार नहीं कर सके हैं। जबकि अस्पतालों को नए भवनों में व्यवस्था बनाने में कम से कम एक महीने का समय लगना है।

बेली अस्पताल में आठ परियोजनाओं का काम चल रहा है। यहां 20 कमरे वाले प्राइवेट वार्ड, 30 बेड का रैन बसेरा (15-15 बेड महिला पुरुष के लिए), माड्यूलर किचेन, 40 बेड का आइसीयू और एचडीयू, ब्लड बैंक का विस्तार, पब्लिक टायलेट, आरसीसी सड़क और वाहन पार्किंग का निर्माण अगस्त में पूरा करने का लक्ष्य था मगर पूरा नहीं हो सका है।

उप्र प्रोजेक्ट कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश शर्मा का कहना है कि बारिश के चलते निर्माण की गति धीमी है। काल्विन अस्पताल में 14 बेड वाला प्राइवेट वार्ड पूरी तरह नया बनाया जा रहा है। यहां 10 बेड का इमरजेंसी वार्ड, सीवर लाइन और डामर वाले रास्ते का निर्माण अब तक 65 प्रतिशत पूरा हो सका है।

एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का 68 प्रतिशत काम अधूरा

प्रयागराज एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का कार्य नवंबर तक कार्य पूरा होना है लेकिन अभी 68 प्रतिशत काम अधूरा है। यहां 6700 वर्ग मीटर के एयरपोर्ट को 20830 वर्ग मीटर में विस्तार देना है। इससे यहां यात्री क्षमता छह गुना बढ़ जाएगी। अभी यहां 248 मीटर की मुख्य टर्मिनल बिल्डिंग चौड़ीकरण के लिए छत तक ने आकार नहीं लिया है। कार पार्किंग के लिए कवर शेड अधूरा है।

टर्मिनल भवन के सामने आठ लेन की सड़क का निर्माण शुरू नहीं हुआ, पार्किंग की जगह पर अभी फर्श नहीं बनी है, दोनाें टैक्सी वे के कार्य पर काम नहीं हुआ है। वर्तमान टर्मिनल भवन के प्रथम तल को स्थानांतरित कर छत डाली जारी है लेकिन इसका कार्य भी शुरू नहीं हुआ। यहां बनने वाले नए एयरोब्रिज की आधारशिला नहीं रखी गई। पुनर्विकास के कार्य में लगभग 175 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

सिविल लाइंस व जीरो रोड अड्डे पर काम शून्य

सिविल लाइंस बस अड्डा और जीरो रोड बस अड्डा का पुनर्विकास महाकुंभ के पहले होना था। सिविल लाइंस में 110 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यहां 18000 मीटर में बस अड्डा विस्तारित होना था। जीरो रोड बस अड्डा पर 39 करोड़ रुपये से 6265 मीटर में कार्य होना था।

लखनऊ में भी भूमि पूजन हो चुका है लेकिन वास्तविक तौर पर दोनों बस अड्डे पर अभी काम तक नहीं शुरू हुआ है। सिविल लाइंस बस अड्डे पर मात्र मिट्टी की जांच हुई है। मल्टीलेवल व अंडर ग्राउंड पार्किंग का कार्य अधूरा है, कंट्रोल रूम नहीं बन सका, वीआइपी लाउंज का कार्य शुरू नहीं हुआ। वातानुकूलित बुकिंग कार्यालय, क्लाक रूम, डिजिटल बोर्ड भी अभी तक नहीं आ सके हैं।

खोदा गया है हर स्टेशन, हर ओर हो गया कीचड़

शहर के हर स्टेशन महाकुंभ के कार्यों को लेकर खोद दिए गए हैं। बारिश के बाद इन स्टेशनों के बाहर जबरदस्त कीचड़ हो गया है। प्रयागराज जंक्शन से लेकर सूबेदारगंज, नैनी, छिवकी, रामबाग, झूंसी, संगम, प्रयाग और फाफामऊ स्टेशन के साथ ही 17 आरओबी व आरयूबी पर महाकुंभ से जुड़े कार्य हो रहे हैं।

लगभग 960 करोड़ रुपये से बन रहे प्रयागराज जंक्शन जहां से महाकुंभ के दौरान सर्वाधिक यात्रियों का मूवमेंट होना है, जहां सिविल लाइंस साइड में ब्लाक है। यहां अभी 30 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो सका है। प्रयाग और फाफामऊ रेलवे स्टेशन की नई बिल्डिंग बननी है लेकिन अभी 50 प्रतिशत ही पूरे हो सके हैं। सभी आरओबी-आरयूबी बन रहे हैं, इनमें कुछ का कार्य 60 प्रतिशत तक हो गया है। एनी बेसेंट आरयूबी पर अभी 40 प्रतिशत ही कार्य हुआ है और यहां परेशानी बढ़ जाएगी।

पीडब्ल्यूडी की मुख्य परियोजनाएं अभी भी अधर में

लोक निर्माण विभाग की ओर से चार दर्जन से अधिक सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। इसमें सहसों से हनुमानंज तक सड़क को फोर लेन किया जाना था। सितंबर 2023 में चौड़ीकरण की स्वीकृति मिली थी तथा 18 किमी चौड़ीकरण के लिए 116 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर हुई थी। इस सड़क में अब भी पोल शिफ्टिंग का काम पूरा नहीं हो पाया है। बारिश से यह काम रुक गया है।

लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड-चार की ओर से कराया जा रहा है। एक वर्ष में अभी तक 50 प्रतिशत काम पूरा नहीं हो पाया है। एयरपोर्ट से संगम को जोड़ने के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क परियोजना का काम भी पीछे है। एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी सड़क का कार्य 60 प्रतिशत ही हो पाया है। इस सड़क का निर्माण प्रांतीय खंड लोक निर्माण की ओर से कराया जा रहा है।

इसके अलावा सड़क के किनारे सुंदरीकरण का कार्य किया जाना है। इसी तरह से गोहरी रोड का काम अधूरा है। नाली ही नहीं बन पाई है। एयरपोर्ट से सीधे संगम को जोड़ने के लिए चौफटका से कालिंदीपुरम जागृति चौराहा तक सेतु निगम की ओर से आरओबी का निर्माण किया जा रहा है।

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