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मतांतरण के आरोपी अब्दुल रहमान को इलाहाबाद हाई कोर्ट से सशर्त जमानत, गाज‍ियाबाद में दर्ज है FIR

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मतांतरण (धर्म परिवर्तन) कराने के आरोपित अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। उसके खिलाफ गाजियाबाद के कविनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज है। याची पांच मई 2023 से जेल में बंद है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र व अभिषेक मिश्र को सुनकर दिया है। याची का कहना है उस पर झूठा केस कायम किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Wed, 06 Dec 2023 05:00 PM (IST)
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यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र व अभिषेक मिश्र को सुनकर दिया है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मतांतरण (धर्म परिवर्तन) कराने के आरोपित अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। उसके खिलाफ गाजियाबाद के कविनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज है। याची पांच मई 2023 से जेल में बंद है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र व अभिषेक मिश्र को सुनकर दिया है।

याची का कहना है कि न तो वह मौलवी है और न ही इस्लाम का उपदेशक। उस पर झूठा केस कायम किया गया है। उसके खिलाफ किसी को इस्लाम धर्म में परिवर्तित कराने का कोई साक्ष्य नहीं है।

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कोर्ट ने क्‍या कहा? 

कोर्ट ने कहा, सरकारी अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया किंतु संतोषजनक तथ्य नहीं पेश कर सके। केस का शीघ्र निराकरण होने की संभावना नहीं है। जमानत पर छोड़ा जाता है तो साक्ष्य में छेड़छाड़ की संभावना नहीं है। व्हाट्सएप कॉल डिटेल से आरोप की पुष्टि नहीं होती। इसलिए वह सशर्त जमानत पाने का हकदार है।

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