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UP News: IRSS अफसर के खिलाफ दर्ज होगा मनी लांड्रिंग का केस, घूसखोरी में CBI ने केसी जोशी को किया था गिरफ्तार

घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार इंडियन रेलवे स्टोर सर्विस (आइआरएसएस) अधिकारी केसी जोशी के खिलाफ जल्द ही मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) केसी जोशी के खिलाफ ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। आशंका जताई गई है कि जोशी की अवैध गतिविधियों में पूर्वोत्तर रेलवे के कई और अधिकारी और कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Wed, 04 Oct 2023 08:48 AM (IST)
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IRSS अफसर के खिलाफ दर्ज होगा मनी लांड्रिंग का केस, घूसखोरी में CBI ने केसी जोशी को किया था गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। घूसखोरी के आरोप में गिरफ्तार इंडियन रेलवे स्टोर सर्विस (आइआरएसएस) अधिकारी केसी जोशी के खिलाफ जल्द ही मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) केसी जोशी के खिलाफ ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।

आशंका जताई गई है कि जोशी की अवैध गतिविधियों में पूर्वोत्तर रेलवे के कई और अधिकारी और कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। इसी आधार पर सभी के खिलाफ मनी लांड्रिंग से संबंधित साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।

ईडी ने शुरू की थी छानबीन

ईडी ने सीबीआइ की एफआइआर और कार्रवाई को आधार बनाते हुए छानबीन शुरू की है, जिससे रेलवे कर्मचारियों में खलबली मच गई है। गोरखपुर के अलहदादपुर निवासी सूक्ति एसोसिएट के प्रोपराइटर राजेंद्र त्रिपाठी ने सीबीआइ की एंटी करप्शन ब्यूरो शाखा में शिकायत की थी।

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उनका आरोप था कि पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के पीसीएमएम केसी जोशी ने धमकी देते हुए सात लाख रुपये रिश्वत की मांग की। तब सीबीआइ ने केसी जोशी को बीते माह तीन लाख रुपये घूस लेते हुए बंगले से गिरफ्तार किया था। कई घंटे तक पूछताछ करने के बाद सीबीआइ की टीम ने गोरखपुर व नोएडा में छापेमारी की और 2.61 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे।

भ्रष्टाचार के जरिए की करोड़ों की कमाई

ईडी सूत्रों का कहना है कि पीसीएमएम के पास और भी चल व अचल संपत्ति होने की उम्मीद है। यह भी कहा जा रहा है कि उसने भ्रष्टाचार के जरिये करोड़ों रुपये की प्रापर्टी बनाई है। उसके इस कृत्य में रेलवे के कई और अधिकारी व कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।

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जांच में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट की मदद लेते हुए केसी जोशी और उससे जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों के बीच मनी ट्रेल स्थापित किया जाएगा। फिर इसी आधार पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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