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Prayagraj News: गैंगस्टर एक्ट में सांसद अफजाल की सजा रद होगी या बढ़ेगी, आदेश सुरक्षित

विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड को लेकर मुख्तार अंसारी अफजाल अंसारी और एजाजुल हक के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा कायम किया गया था। हाई कोर्ट ने पूर्व में अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था। अफजाल अंसारी ने इस पर सुप्रीम कोर्ट में अपील की। अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने चार वर्ष कैद की सजा सुनाई है।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Published: Fri, 05 Jul 2024 08:33 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2024 08:33 AM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट में सपा सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में मिली सजा के खिलाफ सुनवाई हुई। जागरण

 विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में मिली सजा के खिलाफ सपा सांसद अफजाल अंसारी की अपील और इस सजा को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार तथा पीड़ित पीयूष राय की अपील पर सुनवाई पूरी कर ली है। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने सपा सांसद के वकीलों की शेष बहस को सुनने के बाद मामले में आदेश सुरक्षित कर लिया है।

अफजाल अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी, डीएस मिश्र और उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने जो गैंग चार्ट बनाया है, उसमें कई सदस्य बनाए गए लेकिन गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई केवल तीन लोगों पर की गई। ट्रायल कोर्ट में विवेचक के बयान से स्पष्ट है कि ऐसा राजनीतिक द्वेषवश किया गया। जिस मूल मुकदमे के आधार पर अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में सजा सुनाई गई, उसमें बरी किया जा चुका है।

गैंगस्टर एक्ट के इस मुकदमे के बाद उनके खिलाफ दो ही मामले दर्ज हुए और वह भी 2009 एवं 2014 के चुनाव के दौरान जन प्रतिनिधित्व अधिनियम से जुड़े हैं। विवेचक ने ट्रायल कोर्ट में अपने बयान में कहा है कि चार साल तक वह मोहम्मदाबाद थाने के इंचार्ज रहे, मगर इस दौरान अफजाल अंसारी के खिलाफ मुकदमा तो क्या, किसी ने छोटी मोटी शिकायत भी नहीं की।

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ऐसे में सजा बढ़ाने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता, अलबत्ता राजनीतिक द्वेषवश के मुकदमों में कानून के मुताबिक गैंगस्टर एक्ट लागू ही नहीं होता। इसलिए सुनाई गई सजा निरस्त की जानी चाहिए।

राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव एवं अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने अफजाल अंसारी को कम सजा सुनाई है। ऐसा आयु (70 वर्ष) तथा उनके दो बार सांसद एवं कई बार विधायक चुने जाने के दृष्टिगत किया है।

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कानून के मुताबिक ट्रायल कोर्ट को अभियुक्त की आयु उस समय की देखना चाहिए था, जब अपराध हुआ था, तब उम्र 58 वर्ष थी। जिन पर देश का भविष्य बनाने का दायित्व है, वह ही अगर अपराध करें तो उन्हें अधिकतम दंड दिया जाना चाहिए था।

दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय के अधिवक्ता सुदिष्ट कुमार ने सरकार की तरफ से प्रस्तुत तर्कों पर सहमति जताई थी। अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने चार साल कैद की सजा सुनाई है। अफजाल अंसारी ने इसे रद करने के लिए अपील दाखिल की है।

हाई कोर्ट ने पूर्व में सजा पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर स्थगनादेश देते हुए हाई कोर्ट को अपील का निस्तारण 30 जून तक करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार और पीयूष राय ने सजा बढ़ाने की अपील दाखिल कर दी थी।


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