नई दिल्ली से हावड़ा का सफर मात्र 12 घंटे में होगा पूरा, चलेगी हाईस्पीड ट्रेन; इतने किलोमीटर प्रतिघंटा होगी रफ्तार
Mission Raftaar रेलवे मिशन रफ्तार के तहत नई दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटा से 200 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाने के लिए पर काम कर रहा है। आधारभूत संरचना नई रेल लाइन एडवांस सिग्नलिंग कवच जैसी तकनीक भी इसी का हिस्सा हैं। पीएम मोदी का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट दो रूटों पर काम कर रहा है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। नई दिल्ली से हावड़ा तक का सफर आने वाले समय में मात्र 12 घंटे में होगा। यह संभव करने के लिए रेलवे ने इसके लिए 1002.12 करोड़ जारी किए हैं। इस कार्य पर 6974.50 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। अभी 1433 किमी की दूरी 20 से 22 घंटे में पूरी हो रही है। मिशन रफ्तार के जरिए इसे घटाकर लगभग आधे स्तर पर लाया जाएगा।
रेलवे मिशन रफ्तार के तहत नई दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटा से 200 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाने के लिए पर काम कर रहा है। आधारभूत संरचना, नई रेल लाइन, एडवांस सिग्नलिंग, कवच जैसी तकनीक भी इसी का हिस्सा हैं।
पीएम मोदी का है महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट
पीएम मोदी का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट दो रूटों पर काम कर रहा है। एक तो उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) से गुजरने वाले दिल्ली-हावड़ा व दूसरा दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर। इसमें रेलवे ट्रैक पर 160 की गति से दौड़ती ट्रेनों को सुरक्षित करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। ऐसे में रेलवे ट्रैक के दोनों ओर दीवार बनाई जा रही है।इस साल पूरा करने की है तैयारी
अधिकांश स्थान पर दीवार के साथ मेटल बीम क्रैश बैरियर भी लगाया जा रहा है। इसी वर्ष यह कार्य पूर्ण होने की तैयारी है। हालांकि, ट्रायल व नियमित संचालन में कुछ और वक्त लगेगा। रेलवे ट्रैक की संरक्षा-सुरक्षा के साथ स्वचालित सिग्नलिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है और लगभग सभी पुरानी ट्रैक बदल कर नए कर दिए गए हैं।
बढ़ेगी ट्रेनों की संख्या
दिल्ली-हावड़ा रूट हाई स्पीड ट्रेनों के लिए यह रूट बेहद ही सुगम होगा और यात्री कम समय से अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच सकेंगे। ट्रेनों की स्पीड के साथ ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी। साथ ही इस रूट पर स्लीपर वंदे भारत का भी संचालन होगा। इस रूट से अधिकांश मालगाड़ियां भी हट जाएंगी और वह डीएफसी ट्रैक पर चलेंगी।यह भी पढ़ें: कानपुर स्थित अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की पहली यूनिट तैयार, मार्च से शुरू होगा तोप-गोले और हैंड ग्रेनेड का उत्पादन
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