Move to Jagran APP

अब इन नई धाराओं में दर्ज होगी FIR, मिट जाएगा अंग्रेजों की IPC का अस्तित्व; कल से लागू हो जाएंगे ये नए कानून

अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की जगह अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लागू हो गई है। रविवार रात 12 बजे से तीनों नए कानून लागू हो गए जिसके बाद जिले के सभी थानों में बीएनएस की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होगी। वहीं पुलिस की ओर से नई धाराओं के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जा रहा है।

By Tara Gupta Edited By: Riya Pandey Updated: Sun, 30 Jun 2024 08:18 PM (IST)
Hero Image
आईपीसी की जगह अब बीएनएस की धाराओं में दर्ज होगी रिपोर्ट
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की जगह अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लागू हो गई है। बीएनएस में छेड़खानी की धारा 74 और धोखाधड़ी की धारा 318, 319 होगी। इसी तरह और भी धाराओं में बदलाव किया गया, जिसकी जानकारी रखना बेहद जरूरी माना जा रहा है।

रविवार रात 12 बजे से तीनों नए कानून लागू हो गए, जिसके बाद जिले के सभी थानों में बीएनएस की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होगी। वहीं, पुलिस की ओर से नई धाराओं के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जा रहा है।

एक जुलाई से प्रभावी हो जाएंगे ये नए अधिनियम

बताया गया है कि भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंट एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई से प्रभावी हो जाएंगे। नई धाराओं के बारे में आम लोगों को भी पता चल सके, इसके लिए सोमवार को सभी थानों पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

थाने पर होर्डिंग भी लगाई जाएंगी, जिसमें आइपीसी के स्थान पर बीएनएस की धाराओं को अंकित किया जाएगा। इसके साथ पब्लिक एड्रेस सिस्टम और दूसरे माध्यमों से भी नए कानून के बारे में लोगों को अवगत कराया जाएगा।

डीसीपी प्रोटोकाल आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि नए कानून के बारे में जिले के करीब 95 फीसद पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। अभियोजन की ओर से भी ट्रेनिंग दी गई है, जिससे उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो।

एक जुलाई की घटना से ही नई धारा-

अधिकारियों का कहना है कि एक जुलाई से नया कानून लागू हुआ है। ऐसे में एक जुलाई की तिथि पर घटना, दुर्घटना होने पर ही नए कानून की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। अगर 30 जून या उससे पहले की घटना दिनांक तहरीर में दर्शाई जाती है तो आइपीसी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होगी। अदालत के आदेश पर दर्ज होने वाली एफआइआर भी आइपीसी की धारा में लिखी जाएगी।

पुलिसकर्मियों के लिए हेल्प डेस्क-

पुलिसकर्मियों के लिए जिले स्तर पर एक हेल्प डेस्क भी बनाया जाएगा। यहां अभियोजन से जुड़े अधिकारी और प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके इंस्पेक्टर की ड्यूटी लगाई जाएगी। ताकि किसी पुलिसकर्मी को असुविधा होने पर वह जानकारी लेकर विधि के अनुसार कार्रवाई कर सके। नई धारा को प्रचलन में लाने और उसकी जानकारी रखने पर जोर दिया जा रहा है।

यह भी पढ़ें- शराब की दुकानों से जबरन वसूली करना महिला आबकारी इंस्पेक्टर को पड़ा भारी, असिस्टेंट कमिश्नर पद पर होने वाला था प्रोन्नत लेकिन अब...

यह भी पढ़ें- बगैर ठोस सबूत व तथ्य दहेज केस में हत्या का आरोप न लगाएं: हाई कोर्ट

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।