UP PCS J Topper Story: पिता चलाते हैं पान की दुकान, बेटी बनीं सिविल जज; पहले प्रयास में हासिल की सफलता
UP PCS J Topper Success Story कानपुर के लाजपत नगर निवासी निशि गुप्ता के पिता निरंकार गुप्ता पान की दुकान चलाते हैं। संयुक्त परिवार में पली बढ़ीं निशि ने पढ़ाई का अच्छा माहौल पाया। सबसे अलग हटकर कानून की पढ़ाई का निर्णय लिया और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली। निशि बताती है कि बड़ी बहन शिवानी गुप्ता और भाई भी इंजीनियर हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। UP PCS J Topper Success Story राज्य न्यायिक सेवा (पीसीएस-जे) की टॉपर निशि गुप्ता (Nishi Gupta) ने यूपीपीसीएस में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। कानपुर के लाजपत नगर निवासी निशि गुप्ता के पिता निरंकार गुप्ता पान की दुकान चलाते हैं। संयुक्त परिवार में पली बढ़ीं निशि ने पढ़ाई का अच्छा माहौल पाया। सबसे अलग हटकर कानून की पढ़ाई का निर्णय लिया और पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली। इससे पहले निशि ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में साक्षात्कार दिया है।
2022 में एलएलएम के बाद पाई यह सफलता
निशि कहती हैं कि मम्मी-पापा इंटर तक पढ़े हैं, लेकिन उन्होंने बच्चों को हमेशा पढ़ाई का माहौल दिया। कभी कोई कमी नहीं आने दी। 2020 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विधि विभाग से बीएलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद तैयारी शुरू कर दी थी। 2022 में एलएलएम किया और इसके बाद यह सफलता पाई है। निशि बताती है कि बड़ी बहन शिवानी गुप्ता और भाई भी इंजीनियर हैं।
कोरोना काल की तैयारी काम आई
प्रयागराज: पीसीएस-जे की वरीयता सूची में दूसरे स्थान पर रहे शिशिर यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बीए-एलएलबी के छात्र रहे हैं। 2020 में बीएलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद तैयारी शुरू कर दी। इस बीच एलएलएम भी किया और 2022 में एलएलएम पूरा करने के बाद कोचिंग की। इससे उनको तैयारी में मदद मिली और पहले ही प्रयास में सफलता पाई।
नैनी के न्यू मानसनगर निवासी शिशिर के पिता कृपाशंकर यादव और मां शकुंतला यादव भी एडवोकेट हैं। ऐसे में परिवार के माहौल के असर की वजह से शिविर ने विधि के क्षेत्र में करियर बनाने का निर्णय लिया। वह बताते हैं 2018 बैच में कई सीनियर साथियों के चयन के बाद वह प्रेरित हुए और लक्ष्य आधारित तैयारी कर सफलता का स्वाद चखा।
किसान की बेटी बनेगी सिविल जज
प्रयागराज: मूलरूप से सुल्तानपुर की रहने वाली जाह्नवी वर्मा ने पीसीएस-जे में पांचवीं रैंक हासिल की है। पिता जगदीश प्रसाद वर्मा किसान हैं और पूर्व प्रधान भी रहे। मां शीला वर्मा चिकित्सा विभाग में सुपरवाइजर हैं और भाई आलोक वर्मा बाराबंकी में बीडीओ पर पर तैनात हैं। जाह्नवी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 2020 में बीए-एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और अंतिम वर्ष में ही तैयारी शुरू कर दी। इस वर्ष उनका एलएलएम का अंतिम वर्ष है और पिछले दिनों आई एपीओ के परिणाम में उनकी छठवीं रैंक थी। जाह्नवी ने अपनी सफलता का श्रेय पिता, माता और भाई के मार्गदर्शन को देती हैं।