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Paper Leak : पेपर लीक को रोकने के लिए आयोग ने आखिरकार उठाया यह कदम- अब प्रतियोगी परीक्षा से ठीक 5 घंटे पहले...

Paper Leak 2024 शासन के दिशा निर्देशों के आधार पर आयोग ने प्रश्न पत्रों की सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए हैं और प्रयोग के तौर पर अपर निजी सचिव और सहायक नगर नियोजन भर्ती जैसी छोटी परीक्षाओं में इसका प्रयोग पहले ही शुरू कर दिया है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि पेपर लीक की घटनाओं पर पूर्ण रुप से अंकुश लग सकेगा।

By Jagran News Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 07 Jul 2024 08:36 PM (IST)
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अब परीक्षा केंद्र बनाने के लिए काफी कड़े मानक होंगे। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, जागरण, प्रयागराज। भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक की आशंका को खत्म करने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए गए हैं। भर्ती परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र दो या इससे अधिक सेट में तैयार होंगे और परीक्षा में कौन सा प्रश्न पत्र उपयोग में लाया जाएगा, उसकी परीक्षा आरंभ होने के अधिकतम पांच घंटे पहले ही तय किया जाएगा।

इसी महीने से लागू होगा यह पैटर्न

जुलाई से दिसंबर के बीच होने वाली 12 भर्ती परीक्षाओं में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग इसी पैटर्न को अपनाएगा। प्रश्न पत्र छपाई के लिए शासन द्वारा निर्धारित कड़े मानकों के आधार पर एजेंसी और प्रिंटिंग प्रेस का चयन होगा। हर सेट अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस में छपवाए जाएंगे।

इन इंतजामों की असली परीक्षा समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा तथा पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा में होगी। ये दोनों परीक्षाएं वर्ष के आखिरी महीनों में होनी है, ऐसे में आयोग के पास पुख्ता तैयारी के लिए अभी काफी वक्त बचा हुआ है।

क्यूआर कोड में छुपी होगी प्रश्न पत्र की कुंडली

प्रश्न पत्र की सुरक्षा के लिए आयोग प्रश्न पत्रों पर गोपनीय सुरक्षा चिन्ह अंकित करेगा। इसमें यूनिक सीरियल नंबर, यूनिक बारकोड और यूनिक क्यूआर कोड शामिल है। इसमें प्रश्न पत्र की पूरी कुंडली होगी। प्रश्न पत्र कब छपा, किस प्रिंटिंग प्रेस में छपा यह सारी जानकारी सक्षम अधिकारी तत्काल पता लगा सकेंगे।

परीक्षा केंद्रों की तैयार होगी कुंडली

परीक्षा केंद्र बनाने के लिए काफी कड़े मानक होंगे। आयोग की परीक्षाओं में जिन महाविद्यालयों को अब तक परीक्षा केंद्र बनाया जाता रहा है, उनकी पूरी कुंडली तैयार होगी। पिछले तीन वर्षों में आयोजित की गई परीक्षाओं को मुख्य आधार बनाया जाएगा। नगरीय क्षेत्र के 10 किलोमीटर विकास में मुख्य मार्गों पर ही परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे।

आयोग राजकीय महाविद्यालय, शहर स्थित डिग्री कालेजों में केंद्र बनाने पर विचार कर रहा है। सभी परीक्षा केंद्रों का एक केंद्रीयकृत डाटाबेस तैयार होगा। इसमें महाविद्यालय की क्षमता और सुरक्षा के इंतजामों का पूरा विवरण शामिल होगा। इसी आधार पर प्रतियोगी परीक्षाओं में केंद्रों का निर्धारण होगा।

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