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प्रयागराज में प्रदर्शन के ल‍िए UPPSC जाने वाले छात्रों से ID मांगने पर हंगामा, पुल‍िस से जमकर हुई नोकझोंक

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पर प्रदर्शन के लिए जाने वाले छात्रों से आईडी मांगने पर हंगामा खड़ा हो गया। नाराज प्रतियोगी छात्रों ने पुलिस अधिकारियों को घेर लिया। आईडी मांगने पर आपत्ति जताई। इस दौरान पुलिस और प्रतियोगी छात्रों के बीच में जमकर नोकझोंक हुई। घटना गेट नंबर 2 के सामने टीबी सप्रू रोड पर स्थित चौराहे पर पर हुई।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 13 Nov 2024 01:53 PM (IST)
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प्रदर्शन के लिए जाने वाले छात्रों से आईडी मांगने पर हंगामा।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पर प्रदर्शन के लिए जाने वाले छात्रों से आईडी मांगने पर हंगामा खड़ा हो गया। नाराज प्रतियोगी छात्रों ने पुलिस अधिकारियों को घेर लिया। आईडी मांगने पर आपत्ति जताई। इस दौरान पुलिस और प्रतियोगी छात्रों के बीच में जमकर नोकझोंक हुई। घटना गेट नंबर 2 के सामने टीबी सप्रू रोड पर स्थित चौराहे पर पर हुई। जहां तैनात पुलिसकर्मी छात्रों से आईडी मांग रहे थे। इसकी जानकारी होने पर प्रतियोगी छात्रों ने जबरदस्त प्रतिरोध किया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि धरना स्थल पर किसी संदिग्ध को रोकने के लिए वह जांच कर रहे थे।

बता दें, यूपीपीएससी के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन सोमवार से लगातार जारी है। यह प्रदर्शन यूपीपीएससी द्वारा पीसीएस-2024 और आरओ/एआरओ-2023 प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने के निर्णय के खिलाफ है। आयोग के इस फैसले को लेकर छात्रों में गहरी असंतुष्टि है और वे इसे एक ही दिन में कराने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे पीछे नहीं हटेंगे।

48 घंटे से आयोग के बाहर डटे प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि दो दिवसीय परीक्षा की प्रणाली से उनके साथ अन्याय हो रहा है। उनके अनुसार, दो दिवसीय परीक्षा के चलते परीक्षा परिणामों में भिन्नता आ सकती है और नाॅर्मलाइजेशन प्रक्रिया में विसंगतियां उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे छात्रों की मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो सकेगा। प्रतियोगी छात्र परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया का भी विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह प्रक्रिया उन्हें निष्पक्ष परिणामों से वंचित कर सकती है।

उनका तर्क है कि हर परीक्षा में अलग-अलग प्रश्न पत्र होते हैं और इनमें कठिनाई के स्तर में अंतर होता है। ऐसे में नार्मलाइजेशन प्रक्रिया से उन छात्रों को नुकसान हो सकता है, जिन्होंने कठिन प्रश्न पत्र हल किया हो। वे चाहते हैं कि परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित किया जाए, जिससे सभी प्रतियोगियों के लिए समान प्रश्नपत्र हो और किसी तरह का भेदभाव न हो।

अधिकारी समाधान की तलाश में

यूपीपीएससी के अधिकारियों ने छात्रों की मांगों और आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए समाधान निकालने का प्रयास किया है, लेकिन फिलहाल दो दिवसीय परीक्षा का निर्णय यथावत रखने का फैसला लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश परीक्षा अध्यादेश के तहत केंद्र निर्धारण की गाइडलाइन के अनुरूप केंद्र नहीं मिलने के कारण दो दिवसीय परीक्षा का निर्णय लिया गया है।

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