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प्रयागराज में दिनभर चला मान-मनौव्वल, छात्र और आयोग दोनों अड़े, ह‍िरासत में 9 छात्र; उपद्रव‍ियों पर मुकदमा

यूपीपीएससी सचिव अशोक कुमार ने मंगलवार को फिर से स्पष्ट किया कि पीसीएस व आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा अपने नियत दिनांक व समय पर ही होगी। वहीं पुलिस ने प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंचे पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर व कोचिंग बंद कराने का प्रयास करने वाले नौ उपद्रवियों को हिरासत में ले लिया। हालांकि कुछ देर बाद अमिताभ ठाकुर को छोड़ दिया गया।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 13 Nov 2024 10:42 AM (IST)
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर डटे छात्र।
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज। पीसीएस-2024 (प्रारंभिक) और आरओ/एआरओ-2023 (प्रारंभिक) परीक्षा दो दिवस में कराने के निर्णय पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अडिग रहने और उधर छात्रों के भी बिना एक दिवसीय परीक्षा का निर्णय आए आयोग के गेट से न हटने के कारण स्थितियां जटिल होती जा रही हैं। प्रदर्शन खत्म करने के लिए डीएम, कमिश्नर और आयोग के सचिव की अपील और दो दिवसीय परीक्षा व नार्मलाइजेशन प्रक्रिया के पक्ष में दिए जा रहे तर्क छात्रों ने ठुकरा दिए। कहा, एक दिवसीय परीक्षा का निर्णय लेंगे तभी आयोग के सामने से हटेंगे।

यूपीपीएससी सचिव अशोक कुमार ने मंगलवार को फिर से स्पष्ट किया कि पीसीएस व आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा अपने नियत दिनांक व समय पर ही होगी। वहीं पुलिस ने प्रदर्शन का समर्थन करने पहुंचे पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर व कोचिंग बंद कराने का प्रयास करने वाले नौ उपद्रवियों को हिरासत में ले लिया। हालांकि, कुछ देर बाद अमिताभ ठाकुर को छोड़ दिया गया।

प्रतियोगी छात्र आयोग के दो दिवसीय परीक्षा के फैसले को वापस लेने, एक दिन में परीक्षा के आयोजन और नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया को रद्द करने की मांग को लेकर सोमवार से प्रदर्शन कर रहे हैं। आयोग के सभी छह द्वारों पर अभ्यर्थियों ने कब्जा कर अधिकारियों और कर्मचारियों का आना-जाना रोक रखा है। मंगलवार सुबह डीएम रवींद्र कुमार मांदड़ और पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा छात्रों से वार्ता के लिए पहुंचे। उन्होंने छात्रों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ।

आयोग के सचिव अशोक कुमार ने छात्रों को समझाया कि आरओ-एआरओ पेपर लीक के बाद छात्रों के सुझाव के आधार पर ही परीक्षा की गाइडलाइन बनी और उसी अनुरूप परीक्षा कराई जा रही है, पर प्रतियोगी छात्रों ने साफ कह दिया कि एक दिवसीय परीक्षा बहाल करने और नार्मलाइजेशन रद्द करने के बाद ही वे हटेंगे। एक दिवसीय परीक्षा पर फैसला होने तक सड़क ही उनका घर है। वार्ता विफल होने के बाद धरना स्थल से ही इंटरनेट मीडिया पर पोस्टर वार शुरू कर दिया गया। छात्रों ने चांद पर पहुंचे पर पीसीएस परीक्षा के लिए केंद्र नहीं खोज पाए, वन नेशन वन इलेक्शन को हां-वन डे वन शिफ्ट एग्जाम को ना जैसे पोस्टर बनाकर प्रसारित किए।

प्रतियोगी छात्रों ने आयोग के द्वार पर लूट सेवा आयोग लिख दिया। अध्यक्ष की सांकेतिक अर्थी निकाली, सिर के बल खड़े होकर प्रदर्शन किया और नार्मलाइजेशन के परिणामों के जरिये भर्ती में संभावित भ्रष्टाचार को लेकर बैनर-पोस्टर टांग दिया।

यूपीपीएससी सचिव अशोक कुमार ने अभ्यर्थियों से अपील है कि परीक्षा की तैयारी करें। दोनों परीक्षा अपने नियत दिनांक व समय पर ही होगी। आयोग सुचिता व गुणधर्मिता के साथ परीक्षा कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है। परसेंटाइल फार्मूला प्रक्रिया के अनुसार दोनों शिफ्ट के दोनों प्रश्नपत्रों में अधिकतम प्राप्तांक को 100 परसेंटाइल मानते हुए अवशेष सभी अभ्यर्थियों के तुलनात्मक परसेंटाइल स्कोर निकाले जाएंगे। इसके आधार पर मेरिट तैयार की जाएगी। आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा सात और आठ दिसंबर तथा आरओ-एआरओ परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को कराने का निर्णय लिया है।

छात्रों के बीच घुसकर तोड़फोड़ करने वाले उपद्रवियों पर मुकदमा

आयोग के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच घुसकर तोड़फोड़ करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। सिविल लाइंस पुलिस ने लोक सेवा आयोग चौकी प्रभारी कृष्ण मुरारी की तहरीर पर अभिषेक शुक्ला, राघवेंद्र यादव व 10 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। आरोप है कि ये सभी आयोग के गेट नंबर दो के पास नगर निगम की होर्डिंग को तोड़ रहे हैं।

यह भी बताया गया है कि राघवेंद्र समाजवादी छात्रसभा और राष्ट्रीय महासचिव समाजवादी लोहिया वाहिनी का पदाधिकारी है। उसके खिलाफ पुलिस रिकॉर्ड में 18 मुकदमे दर्ज हैं। वहीं मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान कुछ उपद्रवी एक कोचिंग पर बखेड़ा करने और बंद कराने के लिए पहुंचे थे। तब तक सिविल लाइंस पुलिस भी पहुंच गई और उन्हें पकड़ लिया। इनसे पूछताछ कर बाकी उपद्रवियों की जानकारी जुटाई जा रही है। डीसीपी सिटी अभिषेक भारती के मुताबिक आपराधिक प्रवृत्ति के युवकों को चिह्नित किया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ कठोरतम विधिक कार्रवाई की जाएगी।

सुझाव के लिए ईमेल आईडी जारी

आयोग ने नार्मलाइजेशन को लेकर सुझाव आमंत्रित किए हैं। इसको लेकर ईमेल online.uppsc@nic.in जारी किया गया है। आयोग के अनुसार अभ्यर्थियों की तरफ से सार्थक सुझावों को विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत करेगा।

परीक्षा मुद्दे पर गरमाई राजनीति

एक दिन-एक शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने छात्रों की मांगों पर संवेदनशीलता दिखाने का आह्वान किया है। कहा, सरकार निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए कृतसंकल्प है। वहीं, विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा चुनाव एक दिन में करा सकती है, पर परीक्षा नहीं। उन्होंने व्यंग्य कसते हुए कहा कि भाजपा के राज में युवाओं को केवल तनाव मिला है।

वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी यूपी में परीक्षा प्रणाली पर सवाल उठाया कि क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस जैसी विशिष्ट परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है। छात्रों के प्रति सहानुभूति और सहयोग दिखाने को कहा। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि पेपर लीक को रोकने में नाकाम रहा आयोग अब अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए नार्मलाइजेशन का सहारा ले रहा है।

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