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प्रयागराज में छात्रों का प्रदर्शन तीसरे द‍िन भी जारी, लगातार बढ़ती जा रही संख्‍या, समाधान की तलाश में अधिकारी

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन लगातार तीसरे द‍िन जारी है। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती वे पीछे नहीं हटेंगे। दिल्ली लखनऊ और अन्य प्रदेशों से भी प्रतियोगी छात्र इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। छात्रों ने पूरी रात आयोग के बाहर डेरा डाल रखा है।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Wed, 13 Nov 2024 11:01 AM (IST)
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यूपीपीएससी के बाहर प्रतियोगी छात्रों का प्रदर्शन जारी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन सोमवार से लगातार जारी है। यह प्रदर्शन यूपीपीएससी द्वारा पीसीएस-2024 और आरओ/एआरओ-2023 प्रारंभिक परीक्षा को दो दिन में आयोजित करने के निर्णय के खिलाफ है। आयोग के इस फैसले को लेकर छात्रों में गहरी असंतुष्टि है और वे इसे एक ही दिन में कराने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन के तीसरे दिन बुधवार को भी छात्रों का जोश बरकरार है और उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे पीछे नहीं हटेंगे।

प्रदर्शन में बढ़ रही है छात्रों की संख्या

दिल्ली, लखनऊ और अन्य प्रदेशों से भी प्रतियोगी छात्र इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। छात्रों ने पूरी रात आयोग के बाहर डेरा डाल रखा है। 48 घंटे से आयोग के बाहर डटे प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि दो दिवसीय परीक्षा की प्रणाली से उनके साथ अन्याय हो रहा है। उनके अनुसार, दो दिवसीय परीक्षा के चलते परीक्षा परिणामों में भिन्नता आ सकती है और नार्मलाइजेशन प्रक्रिया में विसंगतियां उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे छात्रों की मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो सकेगा।

नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर है विरोध

प्रतियोगी छात्र परीक्षा में नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया का भी विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह प्रक्रिया उन्हें निष्पक्ष परिणामों से वंचित कर सकती है। उनका तर्क है कि हर परीक्षा में अलग-अलग प्रश्न पत्र होते हैं और इनमें कठिनाई के स्तर में अंतर होता है। ऐसे में नार्मलाइजेशन प्रक्रिया से उन छात्रों को नुकसान हो सकता है, जिन्होंने कठिन प्रश्न पत्र हल किया हो। वे चाहते हैं कि परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित किया जाए, जिससे सभी प्रतियोगियों के लिए समान प्रश्नपत्र हो और किसी तरह का भेदभाव न हो।

अधिकारी समाधान की तलाश में

यूपीपीएससी के अधिकारियों ने छात्रों की मांगों और आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए समाधान निकालने का प्रयास किया है, लेकिन फिलहाल दो दिवसीय परीक्षा का निर्णय यथावत रखने का फैसला लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश परीक्षा अध्यादेश के तहत केंद्र निर्धारण की गाइडलाइन के अनुरूप केंद्र नहीं मिलने के कारण दो दिवसीय परीक्षा का निर्णय लिया गया है।

आगे की योजना

अधिकारी इस मामले पर छात्रों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर एक समुचित समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, छात्र अपनी मांगों से हटने को तैयार नहीं हैं और प्रदर्शन जारी रखने की योजना बना रहे हैं। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि वे अपने भविष्य की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और इसके लिए वे किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।

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