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UPPCL: चोरी की बिजली का ले रहे थे मजा, सोचा किसी को पता नहीं चलेगा; 19 घरों में मिली गड़बड़ी

प्रयागराज के गौसनगर में बिजली चोरी के 19 मामले पकड़े गए। तीन उपभोक्ताओं ने फ्यूज के पास तार काटकर बाईपास किया था और इसे छिपाने के लिए दूसरा फ्यूज लगाया था। उपखंड अधिकारी राजवीर कटारिया के नेतृत्व में जांच दल ने मंगलवार तड़के छापेमारी की जिसमें 16 घरों में एलटी लाइन से सीधे कटियामारी पाई गई। सभी मामलों में बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

By rajendra yadav Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 13 Nov 2024 01:44 PM (IST)
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19 घरों में मिली गड़बड़ी - प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। करेली उपखंड से संबंधित करामत की चौकी, गौसनगर में जांच अभियान के दौरान 19 बिजली चोरी के मामले पकड़े गए। इसमें तीन उपभोक्ता ऐसे थे, जिन्होंने फ्यूज के पास से तार काटकर बाईपास किया था। यहीं पर दूसरा फ्यूज भी लगा दिया था, ताकि बाईपास किसी को नजर न आए। करेली उपखंड के एसडीओ राजवीर कटारिया ने सभी के खिलाफ बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

करामत की चौकी, गौसनगर में उपखंड अधिकारी राजवीर कटारिया के नेतृत्व में अवर अभियंता प्रमोद कुमार, अभिनव, साबिर मंगलवार भोर में जांच के लिए पहुंचे। यहां 16 घरों में एलटी लाइन से सीधे कटियामारी की गई थी। वहीं, तीन मीटरों में नीचे लगे फ्यूज के पास तार काटकर बाईपास किया गया था। किसी की नजर इस पर न पड़े, इसके लिए दूसरा फ्यूज भी लगाया गया था। अधिकारियों को दो फ्यूज लगे होने पर संदेह हुआ। उन्होंने केबल को देखा तो बाईपास किया गया था।

विद्युत विभाग के जेई के निलंबन पर रोक

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बिजली विभाग मेरठ में कार्यरत अवर अभियंता मौर्य आनंद कुमार के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही सभी पक्षकारों से जवाब दाखिल करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने आनंद कुमार की याचिका पर दिया।

याची पर आरोप है कि उसने ट्यूबवेल के लिए स्वीकृत लाइन पर आठ घरेलू कनेक्शन आवंटित कर दिए साथ ही डैमेज केबल को बदलने में निर्धारित मानकों का पालन नहीं किया। इस आरोप में प्रबंध निदेशक पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में उसे एक अक्टूबर 2024 को निलंबित करते हुए विभागीय जांच बैठा दी।

याची ने निलंबन आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी। कहा गया कि याची द्वारा किया गया कार्य किसी बेईमानी के उद्देश्य से नहीं प्रतीत होता है। सिर्फ विभागीय आदेशों के पालन में लापरवाही बरती है कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टिया आरोप इतने गंभीर नहीं है कि इसके लिए निलंबन जैसा दीर्घ दंड दिया जाय। कोर्ट ने निलंबन आदेश पर रोक लगाते हुए विभागीय जांच जारी रखने तथा उसे निश्चित समय के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है।

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