केशव मौर्य के 'संगठन सरकार से बड़ा' बयान को लेकर दाखिल जनहित याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- इसके कोई मायने नहीं
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के उस बयान को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘संगठन सरकार से बड़ा है ।’ मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर पार्टी फोरम में दिए गए बयान के कोई मायने नहीं है ।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के उस बयान को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘संगठन सरकार से बड़ा है।’ मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने कहा, ‘याचिका में कोई तत्व ही नहीं है।
व्यक्तिगत तौर पर पार्टी फोरम में दिए गए बयान के कोई मायने नहीं है।’ कोर्ट ने कहा कि यह बयान पार्टी फोरम पर है, संवैधानिक पद पर रहते हुए सरकार के फोरम पर नहीं है। केशव प्रसाद मौर्य उप मुख्यमंत्री होने के साथ साथ पार्टी के सदस्य भी हैं। उप मुख्यमंत्री होने से पार्टी से संबंध खत्म नहीं हो जाता।
इस कारण पार्टी स्तर पर दिए गए बयान को लेकर अखबार में छपी खबरों के आधार पर याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कोई बल नहीं है। इस कारण खारिज की जाती है। हाईकोर्ट में अधिवक्ता मंजेश कुमार यादव ने यह जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उप मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज अन्य मुकदमों का भी उल्लेख किया गया था।
ये भी पढ़ें - केशव मौर्य के 'संगठन सरकार से बड़ा' बयान पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, सरकार से कोई सवाल नहीं
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।