अब चेहरा देखकर BP-Sugar और धड़कन बता देगा सॉफ्टवेयर, अगर होगी कोई बीमारी तो करेगा अलर्ट
Plethysmography Software प्रयागराज में विकसित एक नए एआई-आधारित सॉफ्टवेयर से अब चेहरे को स्कैन करके रक्तचाप मधुमेह धड़कन हीमोग्लोबिन और तनाव के स्तर की सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस तकनीक का विकास एआई-वोट के प्रबंध निदेशक प्रदीप गुप्ता और सीईओ आलोक तिवारी ने किया है। सॉफ्टवेयर में फोटो प्लेथिस्मोग्राफी (पीपीजी) तकनीक का उपयोग किया गया है जो त्वचा के नीचे रक्त प्रवाह को मापने में सक्षम है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज । Plethysmography Software: स्वास्थ्य सेवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का नया प्रयोग चिकित्सा विज्ञान को नए आयाम पर ले जा रहा है।
स्टार्टअप एआइ-वोट ने ऐसा एआइ-आधारित साफ्टवेयर विकसित किया है, जो चेहरे को पढ़कर रक्तचाप, मधुमेह, धड़कन, हीमोग्लोबिन और तनाव के स्तर की सटीक जानकारी देगा। इस तकनीक का विकास एआइ-वोट के प्रबंध निदेशक प्रदीप गुप्ता और सीईओ आलोक तिवारी ने किया है।
साफ्टवेयर की खूबियां
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) में आयोजित स्टार्टअप संगम कार्यक्रम के अंतिम दिन एमएनएनआइटी के 1983 बैच के पुरा छात्र प्रदीप गुप्ता ने विकसित किए गए साफ्टवेयर की खूबियों को साझा किया।
इस साफ्टवेयर में फोटो प्लेथिस्मोग्राफी (पीपीजी) तकनीक का उपयोग किया गया है, जो त्वचा के नीचे रक्त प्रवाह को मापने में सक्षम है। प्रदीप गुप्ता कहते हैं कि पीपीजी का मुख्य सिद्धांत यह है कि जब प्रकाश त्वचा पर चमकाया जाता है, तो रक्त की मात्रा के आधार पर इसका अवशोषण और परावर्तन बदलता है।
जब कोई व्यक्ति एक मिनट के लिए मोबाइल कैमरा चेहरे पर फोकस करता है तो साफ्टवेयर विभिन्न स्वास्थ्य मापदंडों को रिकार्ड कर डेटा नियमित रूप से सर्वर पर भेजता है। जिसे डाक्टर और परिवार के सदस्य देख सकते हैं।
स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर साफ्टवेयर तुरंत अलर्ट मैसेज भेजता है। प्रारंभिक परीक्षणों में इस साफ्टवेयर की सटीकता 95 प्रतिशत आंकी गई है। कुछ प्रमुख अस्पतालों ने इसका उपयोग भी शुरू कर दिया है, और इससे रोगियों को नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की निगरानी करने में मदद मिल रही है।
भारत में दो से तीन साल में चलेंगी एयर टैक्सी
कार्यक्रम में पहुंचे टी-सा ड्रोन स्टार्टअप के प्रबंध निदेशक किशन तिवारी ने कहा कि आटोनामस ड्रोन की मदद से 100-150 किलोमीटर दूर सामान पहुंचाना आसान हो गया है। दूर दराज के पर्वतीय क्षेत्र में कम लागत में अब ड्रोन से राशन, सब्जी और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं।
ड्रोन तकनीक का उपयोग भारत में कृषि, रक्षा, और ई-कामर्स में पहले से ही हो रहा है। अब परिवहन के क्षेत्र में ड्रोन टैक्सी सेवाएं अगले दो से तीन वर्षों में शुरू हो सकती है।
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19 करोड़ का हासिल किया टर्नओवर
कैशक्राई के संस्थापक और प्रबंध निदेशक भानु प्रताप सिंह ने सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने शुरुआत में निवेश की कमी, बाजार की प्रतिस्पर्धा और व्यवसायिक विकास के विभिन्न चरणों का सामना किया, लेकिन दृढ़ता और नवाचार के साथ आगे बढ़ते रहे और उनकी कंपनी ने 19 करोड़ का टर्नओवर हासिल किया।
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12 स्टार्टअप को इनक्यूबेट करेगा एमएनएनआइटी
एमएनएनआइटी में कोहोर्ट 3.0 प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें 35 से अधिक स्टार्टअप्स के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हुई। प्रदर्शन के आधार पर 12 उत्कृष्ट स्टार्टअप्स का चयन किया जाएगा, जिन्हें एमएनएनआइटी द्वारा इनक्यूबेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी। चुने गए स्टार्टअप्स को संसाधन, मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता मिलेगी। इस दौरान आइआइटी कानपुर के प्रो. जे. रामकुमार ने छात्रों को उनके नवाचारों और विचारों को एक सफल स्टार्टअप में बदलने के लिए प्रेरित किया। आइआइएचएमएफ के निदेशक प्रो. रवि प्रकाश तिवारी, डा. अनुभव रावत आदि उपस्थित रहे।