Prayagraj: आकाशवाणी केंद्र के बाहर प्रसार भारती और दूरदर्शन कर्मियों का प्रदर्शन, कर्मचारियों ने लगाया ये आरोप
आकाशवाणी केंद्र के बाहर गुरुवार को प्रसार भारती कर्मियों ने सेवा नियमावली में दो भर्ती वर्गों के बीच भेदभाव पर नाराजगी जताई। इनका कहना है कि पांच अक्टूबर 2007 से पहले और बाद में भर्ती हुए कर्मचारियों के बीच भेदभाव किया जा रहा है। कट आफ डेट के नाम पर वेतन पदोन्नति चिकित्सा सुविधा तथा पेंशन में प्रसार भारती अंतर किया जा रहा है।
By amardeep bhattEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Thu, 05 Oct 2023 08:43 PM (IST)
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आकाशवाणी केंद्र के बाहर गुरुवार को प्रसार भारती कर्मियों ने सेवा नियमावली में दो भर्ती वर्गों के बीच भेदभाव पर नाराजगी जताई। इनका कहना है कि पांच अक्टूबर 2007 से पहले और बाद में भर्ती हुए कर्मचारियों के बीच भेदभाव किया जा रहा है। कट ऑफ डेट के नाम पर वेतन, पदोन्नति, चिकित्सा सुविधा तथा पेंशन में प्रसार भारती अंतर किया जा रहा है। विरोध प्रदर्शन में दूरदर्शन और आकाशवाणी केंद्र के इंजीनियरिंग तथा प्रशासनिक विभाग के कर्मचारी शामिल रहे।
दोनों ही विभागों के कर्मचारियों के संगठन संयुक्त मंच ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पांच अक्टूबर को काला दिवस के रूप में मनाया। प्रसार भारती के अंतर्गत दूरदर्शन और आकाशवाणी केंद्र संचालित होते हैं। इनमें दो तरह के कर्मचारी काम करते हैं। एक वो हैं जो पांच अक्टूबर, 2007 से पहले चयनित हुए। इन्हें "डीम्ड-डेपुटेशन कर्मचारी" कहते हैं। दूसरे प्रसार भारती कर्मचारी हैं जिनका चयन इस तारीख के बाद हुआ। एसोसिएशन ऑफ प्रसार भारती इंजीनियरिंग इम्प्लाइज के अध्यक्ष हरि प्रताप गौतम ने कहा कि कर्मचारियों के मुफ्त इलाज की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है।
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कर्मचारियों के लिए सीजीएचएस का लाभ, समूह बीमा, परिवार पेंशन, समान पद- समान वेतन व समय से पदोन्नति समेत अन्य लाभ दिया जाए। एसोसिएशन ऑफ प्रोग्राम आफिसर्स के अध्यक्ष मोहन कुमार यादव ने शोषण का आरोप लगाया। संगठन प्रसार भारती प्रोग्राम इम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवम शिवहरे ने पदोन्नति में भेदभाव का आरोप लगाया। धरना प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने दूरदर्शन और आकाशवाणी के केंद्राध्यक्षों को ज्ञापन दिया।
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