Prayagraj Flood: संगम नगरी के निचले इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, कई गांवों व मोहल्लों में बढ़ी परेशानी; देखें तस्वीरें
सैकड़ों घरों में घुसा पानी झमाझम बारिश ने नगर निगम के सारे इंतजामों की पोल खोल दी है। जल निकासी का उचित प्रबंध न होने के कारण बारिश का पानी सैकड़ों घरों में प्रवेश कर गया। वर्षा का पानी घरों में भर जाने से नाला सफाई के दावे भी हवा हवाई साबित होने लगे हैं। इस बार सात करोड़ रुपये में नाला सफाई कराई गई है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। यमुना का जल स्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया। इससे कई मोहल्लों तथा गांवों में परेशानी बढ़ गई। यमुना में बाढ़ के चलते बुधवार सुबह बड़े हनुमानजी का महास्नान भी हो गया।
बाढ़ के मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुए आधा दर्जन से ज्यादा राहत शिविर भी तैयार करा दिए गए।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और बुंदेलखंड में अच्छी बारिश होने से केन, बेतवा और चंबल तथा आधा दर्जन से ज्यादा छोटी नदियों का पानी यमुना में आ गया। इसके अलावा माताटीला, बरियारपुर बांध से भी पानी छोड़ दिया गया। बांधों, बैराजों और नदियों से लगभग आठ लाख क्यूसेक पानी मंगलवार और बुधवार को 24 घंटे में यहां पहुंचने से निचले इलाकों में हलचल बढ़ गई।
इसे भी पढ़ें-मृत्यु के तीन साल बाद मृतक के नाम पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट, हाई कोर्ट अवाकमंगलवार रात में ही रामघाट, काली घाट, ककरहा घाट, बरगद घाट डूब गए थे। बुधवार दोपहर बाद बघाड़ा, सलोरी, मऊ कछार, गंगानगर व नेवादा में नदी किनारे की गलियों में पानी घुस गया। कई मकान भी बाढ़ की जद में आ गए।
दारागंज में नागवासुकि मंदिर के नीचे की सड़क, बघाड़ा, चिल्ला, झूंसी, नैनी क्षेत्र तथा दरियाबाद, सदियापुर की कई सड़कें डूब गईं। इसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से निचले इलाकों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सभी 88 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है।
इसके अलावा 90 बाढ़ राहत शिविर चिन्हित कर लिए गए, जिनमें आधा दर्जन से ज्यादा राहत शिविरों को तैयार करा लिया गया है। बाढ़ के मद्देनजर एडीएम वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह, एसडीएम अभिषेक कुमार सिंह ने बुधवार को कई इलाकों का दौरा किया।एसडीएम ने बताया कि सलोरी, बघाड़ा, मऊ कछार, गंगानगर की कुछ गलियां जो नदी की ओर जाती हैं, उनमें पानी आ गया है। उन्होंने बताया कि नागवासुकि मंदिर के नीचे की सड़क डूबने से आवागमन बंद हो गया है। उन्होंने एनीबेसेंट, ऋषिकुल विद्यालय, मनोहर विद्यालय में शिविर तैयार करा दिया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के रहने के लिए गद्दा आदि के प्रबंध करा दिए गए हैं।
खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे है जल स्तरयमुना का जल स्तर जिस तेजी से मंगलवार और बुधवार को बढ़ा, इससे नदी का जल स्तर खतरे के निशान के लगभग पौने तीन मीटर नीचे तक पहुंच गया। बुधवार रात यमुना का जल स्तर 81.96 मीटर पहुंच गया, जबकि चेतावनी बिंदु 83.73 व खतरे का निशान 84.73 मीटर पर है। यमुना का जल स्तर मंगलवार व बुधवार को 36 घंटे में नौ फीट चढ़ गया। इसी तरह गंगा का जल स्तर बुधवार रात 79.28 मीटर पहुंचा।
वाराणसी से बुलाई गई एनडीआरएफ की टीमबाढ़ की आशंका के मद्देनजर बुधवार को वाराणसी स्थित 11वीं वाहिनी एनडीआरएफ की 35 सदस्यीय एक टीम बुला ली गई। टीम कमांडर इंद्रेदेव के नेतृत्व में यहां पहुंची एनडीआरएफ टीम के पास छह मोटर बोट के साथ ही बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए अन्य उपकरण भी है। इसके अलावा एसडीआरएफ की एक टीम भी लगा दी गई है। पीएसी की दो बाढ़ कंपनी और जल पुलिस की तैनाती की गई है।
यमुना में वृद्धि की रफ्तार हो गई कमयमुना में जो तेजी बुधवार दोपहर 12 बजे तक रही, वह दोपहर बाद कम हो गई। मंगलवार सुबह से लेकर बुधवार दोपहर तक यमुना का जल स्तर प्रति घंटे लगभग 10 सेमी बढ़ रहा था जो बुधवार दोपहर बाद अचानक कम हो गया। शाम को यह गति प्रति घंटे दो सेमी पर आ गया। इससे उम्मीद लगाई गई कि गुुरुवार से जल स्तर कम हो सकता है।
टोंस, बेलन और गोरमा का भी जल स्तर बढ़ायमुना के साथ गंगा में भी मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। टोंस और बेलन के साथ गोरमा नदी का भी जल स्तर बढ़ गया है। सिंचाई विभाग के मुताबिक टोंस और बेलन के पानी ने ही गंगा-यमुना का पानी रोका, जिससे प्रयागराज शहर में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है।
महाकुंभ के कई कार्यों पर पड़ा असरयमुना में बाढ़ के पानी के चलते महाकुंभ के कई कार्यों पर भी असर पड़ा है। खासतौर पर नदी के किनारे के कार्यों को रोकना पड़ गया। हनुमान मंदिर कारिडोर के साथ पक्के स्नान घाटों, रिवर फ्रंट टाइप रोड्स के कार्य रोक दिए गए।
राशन किट को 3091 रुपये स्वीकृतबाढ़ प्रभावित लोगों को इस बार 3091 रुपये का राशन किट दिय जाएगा। इसकी स्वीकृति मिल गई है। इस किट में 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, दो किलो अरहर दाल, 200 ग्राम हल्दी पाउडर, 100 मिर्च पाउडर, 200 ग्राम सब्जी मसाला, एक लीटर सरसो का तेल, एक किलो नमक, 10 किलो आलू, पांच किलो लाई, दो किलो भुना चना, एक किलो गुड़, 10 पैकेट बिस्कुट, एक पैकेट माचिस, एक पैकेट मोमबत्ती, दो नहाने का साबुन, जेरीकेन, तिरपाल शामिल है। राहत शिविरों में भोजन का पैकेट अलग से दिया जाएगा।24 घंटे में बरसा 71 मिली मीटर पानीपिछले दो दिनों से रूठे बादल मंगलवार की रात झूम कर बरसे। बुधवार सुबह भी बारिश का दौर चला। पिछले 24 घंटे में 71 मिमी बारिश हो गई। इसमें ज्यादातर हिस्सा मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक हुई बारिश का है। बारिश की वजह से अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस आ गया, मंगलवार को यह 34.3 डिग्री सेल्सियस था।वहीं न्यूनतम तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस लुढ़क गया। बुधवार को यह 25.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि मंगलवार को यह 27.9 डिग्री सेल्सियस था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वायुमंडलीय एवं महासागर अध्ययन केंद्र के प्रमुख प्रोफेसर सुनीत द्विवेदी का कहना है कि अगले एक सप्ताह तक मध्यम से तेज बारिश का दौर जारी रहेगा।नदियों का जलस्तर बढ़ने पर बख्शी व मोरी का स्लूज गेट बंदगंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बाढ़ का पानी शहर में प्रवेश न हो इसको ध्यान में रखते हुए बक्शी बांध का स्लूज गेट मंगलवार की रात और मोरी स्थित स्लूज गेट को बुधवार की सुबह बंद कर दिया गया। स्लूज गेट बंद होने पर अगर झमाझम बारिश हो गई तो अल्लापुर में जलभराव की समस्या बढ़ सकती है।ऐसे में पंपों के माध्यम से अल्लापुर का पानी नदी में छोड़ा जाएगा। बाढ़ का खतरा बढ़ने पर जलकल विभाग ने सभी पंपिंग स्टेशनों को अलर्ट कर दिया है। जलकल विभाग की टीम अधिशासी अभियंता संघ भूषण के साथ पंपिंग स्टेशनों का निरीक्षण करती रही। इसी तरह से नदियों का जलस्तर बढ़ता रहेगा तो चाचर नाले का भी स्लूज गेट भी बंद किया जा सकता है।इसे भी पढ़ें-बनारस में हर वर्ष 10.2 प्रतिशत मौतों के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार, शोध में हुआ खुलासाखास बातें
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- 36 घंटे में अचानक यमुना नदी का बढ़ गया नौ फीट जल स्तर
- 88 बाढ़ चौकियां सक्रिय की गईं, आधा दर्जन राहत शिविर भी तैयार
- 60 मोटर बोट व स्टीमर के अलावा 1000 नावों का किया गया प्रबंध
- 0532-2641577, -0532-2641578
- बाढ़ नियंत्रण कक्ष-9450105231