Prayagraj Flood: प्रयागराज में खतरे के निशान की तरफ बढ़ीं गंगा-यमुना, तस्वीरों में देखें पूरे हालात
Flood in Prayagraj फाफामऊ के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। फाफामऊ के लक्ष्मीपुरम कालोनी गंगा नगर सहित गंगा के कछारी इलाके में पानी घुस गया है। फाफामऊ के बेला कछार की सड़क डूब गई है। इसके चलते आवागमन बंद हो गया है। वहीं गंगा नगर मोहल्ले की कुछ गलियों में बाढ़ का पानी भर गया है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। गंगा और यमुना का तेजी से बढ़ रहे जल स्तर के चलते संगम नगरी बाढ़ के मुहाने पर पहुंच गई है। लगभग 36 लाख क्यूसेक पानी आ जाने से दोनों नदियां उफान पर पहुंच गई हैं। शनिवार रात से दोनों नदियां खतरे के निशान की ओर बढ़ चली हैं।
जल स्तर इसी तेजी से बढ़ता रहा तो रविवार रात तक गंगा-यमुना का पानी खतरे का निशान तक पहुंच सकती हैं। फिलहाल शनिवार रात दोनों नदियों का पानी चेतावनी बिंदु के आधा मीटर नीचे था।
जल स्तर बढ़ने से गंगा किनारे बसे शहर के बघाड़ा, सादियाबाद, नेवादा, गंगानगर, बेली कछार, चिल्ला के दो सौ से ज्यादा घरों में पानी घुस गया। इन मोहल्लों की एक दर्जन गलियों में घुटने से ज्यादा पानी हो गया। दारागंज में नागवासुकि मंदिर के नीचे से संगम तक जाने वाला मार्ग पूरी तरह से डूब गया है।
यमुना किनारे बसे करैलाबाग, करेली, सदियापुर, बलुआघाट, गऊघाट के भी कई घरों तक बाढ़ का पानी आ गया है। नैनी, झूंसी और फाफामऊ के भी सैकड़ों घरों में पानी आ गया है। बदरा-सोनौटी समेत कई मार्ग पर पानी भर जाने से नाव संचालित होने लगी है।
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सोरांव, फूलपुर, करछना, बारा, हंडिया, मेजा तहसील के सौ से ज्यादा गांवों में नदियों के किनारे स्थित हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। दोनों नदियों में बढ़ते जल स्तर को लेकर जिला प्रशासन की ओर से निचले इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता के निर्देश दे दिए गए हैं।एडीएम वित्त एवं राजस्व तथा आपदा प्रभारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि 88 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर संबंधित कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें शनिवार को बघाड़ा समेत अन्य बाढ़ प्रभावित इलाकों में गई थीं। पर्याप्त मात्रा में नाव तथा मोटर बोट व स्टीमर का प्रबंध हो गया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।कई स्नान घाट डूबे, स्नान पर रोक
दोनों नदियों का जल स्तर बढ़ने से कई स्नान घाट डूब गए हैं। ककरहा घाट, बरगद घाट, बलुआ घाट, गऊघाट, कीडगंज स्थित घाट तथा रामघाट, किला घाट, दशाश्वमेध घाट, रसूलाबाद घाट डूब गए हैं। इन घाटों पर स्नान पर रोक लगा दिया गया है। फोटो व वीडियो बनाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। निजी नावों के संचालन पर भी प्रशासन ने रोक लगा दी है।जलस्तर बढ़ने से कुंभ के बड़े काम रुके, तैयारियां प्रभावित
गंगा और यमुना में बाढ़ आने से महाकुंभ की कई बड़ी परियोजनाओं का काम रुक गया है। इससे तैयारियां प्रभावित हो गई हैं। पक्के घाटों का निर्माण कार्य, रिवर फ्रंट टाइप रोड्स, हनुमान मंदिर कारिडोर समेत कई परियोजनाओं का काम रुक गया है। वैसे भी इन परियोजनाओं का काम पीछे था। अब बाढ़ का पानी के चलते काम रुकने से इनके भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। ज्यादा दिन तक बाढ़ का पानी रुका तो मेला बसाने की तैयारी भी प्रभावित हो सकती है।अधिक समय तक पानी रुकने से जमीन के दलदली होने की आशंका रहेगी और कुछ ही दिनों बाद धूप भी हल्की पड़ जाएगी, जिससे दलदली जमीन के सूखने में समय लगेगा और तब मेला बसावट में देरी होने की आशंका उत्पन्न हो सकती है।नदी किनारे के मोहल्लों में बने बाढ़ राहत शिविर
-तेजी से जल स्तर बढ़ने से नदी के किनारे बसे मोहल्लों शनिवार शाम बाढ़ राहत शिविर शुरू कर दिए गए। एस़डीएम सदर अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि बघाड़ा स्थित एनीबेसेंट इंटर कालेज में पहला राहत शिविर खोला गया, जिसके बाद राजापुर में ऋषिकुल विद्यालय में दूसरा राहत शिविर का शुभारंभ किया गया। इन शिविरों में रहने के साथ ही भोजन भी निश्शुल्क दिया जाएगा।तेजी से जल स्तर बढ़ने का 11 वर्षों का टूटा रिकार्ड
इस बार तेजी से बढ़ते जल स्तर ने पिछले 11 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया। वर्ष 2013 में इसी तरह तेजी से गंगा और यमुना का जल स्तर बढ़ा था। इस बार शुक्रवार सुबह से अचानक यमुना का जल स्तर बढ़ना शुरू हुआ। सुबह 10 बजे तक आधा मीटर बढ़ गया और दोपहर में एक मीटर से ज्यादा जल स्तर बढ़ गया। इसे भी पढ़ें- नदी में मिला युवक का शव, थाने पहुंची प्रेमिका ने कहा- चचेरे भाई ने ली जानयमुना का जल स्तर शुक्रवार सुबह से शनिवार रात के बीच लगभग तीन मीटर बढ़ गया, जबकि गंगा का जल स्तर इसी अवधि के दौरान सवा तीन मीटर के करीब बढ़ा। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के मुताबिक दोनों नदियों में इस बीच लगभग 36 लाख क्यूसेक पानी आ जाने से इतनी तेजी से जल स्तर बढ़ा है। अधिशासी अभियंता डीएन शुक्ला ने बताया कि केन, बेतवा व चंबल का पानी आने से यमुना में तो उत्तराखंड व पश्चिमी उप्र में हुई बारिश का पानी गंगा में आ रहा है। अभी रविवार रात तक जल स्तर बढ़ने का अनुमान है।खास बातें
- 01 कंपनी एनडीआरएफ व दो कंपनी एसडीआरएफ भी उतारी गई
- 02 कंपनी पीएसी की बाढ़ राहत कंपनी, जल पुलिस भी लगाई गई
- 800 से ज्यादा बोट तथा 60 मोटर बोट व स्टीमर का हुआ प्रबंध
फाफामऊ में गंगा का जल स्तर (मीटर में)
शुक्रवार दोपहर |
शुक्रवार रात |
शनिवार रात |
79.65 | 79.97 | 82.90 |
नैनी में यमुना का जल स्तर (मीटर में)
शुक्रवार दोपहर |
शुक्रवार रात | शनिवार रात |
80.40 | 81.28 | 83.04 |