Move to Jagran APP

Prayagraj News बहन रोते हुए बोली- इज्जत बचाने में गई भाई की जान, गम-गुस्से में पीड़ित परिवार, नहीं मना त्योहार

Prayagraj Khiri Murder Case प्रयागराज के खीरी में छेड़खानी के विरोध पर छात्र की हत्या के बाद मातम का माहोल है। बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। हर वर्ष की तरह इस बार रक्षाबंधन तो आया लेक‍िन खुश‍ियों की जगह गम का डेरा है। बहन के पास वो कलाई नहीं है जो उसकी रक्षा के ल‍िए उठती थी। ज‍िसे बहन राखी से सजाती थी और भाई की बलायें उतारती थी।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Thu, 31 Aug 2023 10:05 AM (IST)
Hero Image
Prayagraj Khiri Murder Case: खीरी हत्‍याकांड के बाद तैनात फोर्स
प्रयागराज/खीरी, जासं। Prayagraj Khiri Murder Case भईया मेरे राखी के बंधन को निभाना....मन में कुछ ऐसा ही गुनगुनाते हुए छात्रा हर साल रक्षाबंधन पर अपने और चचेरे भाईयों की कलाई पर भी नेह के डोर बांधती थी। यह पवित्र बंधन हर भाई और बहन के लिए बहुत अहम होता है।

रिश्तों में मिठास और अपनत्व का एहसास कराने वाला रक्षाबंधन में इस बार शोहदों ने कड़वाहट घोल दी। लेकिन चचेरे भाई ने अपनी बहन की लाज बचाकर राखी का फर्ज निभाने के लिए अपनी जान भी गवां दी। हर वर्ष की तरह इस बार भी जब रक्षाबंधन आया तो छात्रा के आंख से दुख के आंसू गिरते रहे। उसका मन बेहद उदास रहा और त्यौहार के उल्लास से दूर बार-बार अपनी इज्जत बचाने वाले भाई को याद करती रही।

बुधवार दोपहर ढांढस बंधाने के लिए तमाम लोग उसके घर पहुंचे तो विचलित हो उठी। स्कूल से लौटते वक्त उसके साथ हुई छेड़खानी की घटना और विरोध पर चचेरे भाई की हत्या को याद करके सिहर उठती। चाची और भाई संबल देते मगर वह रोती रही। रक्षाबंधन को लेकर बोल पड़ी, हर साल वह आठ राखी खरीदती थी।

तीन अपने भाई और पांच चचेरे भाईयों के लिए। सभी को राखी बांधती थी, लेकिन अब एक भाई दुनिया में नहीं है। सब भाईयों की कलाई सूनी रहेगी। एक भाई ने उसकी इज्जत बचाते हुए राखी का फर्ज अदा करने में अपनी जान दे दी।

उधर, छात्रा की तरह परिवार के दूसरे सदस्य भी गम और गुस्से में डूबे रहे। मोहल्ले में भी शोक रहा और उनके घरों में रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया गया। सोमवार शाम छात्रा से छेड़खानी के विरोध पर उसके चचेरे भाई की मुस्लिम लड़कों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।