विकास कार्यों में पिछड़ा प्रयागराज, सूरत अव्वल, इस शहर को मिला दूसरा स्थान, नाम जानकर हो जाएंगे हैरान
प्रयागराज में 930 करोड़ की धनराशि विकास कार्य के लिए आवंटित हुई थी। इसमें से 860 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चयनित कार्यों में 90 प्रतिशत कार्यों को कराया जा चुका है। छोटे-बड़े 104 कार्यों को पूरा किया जा चुका है। पांच कार्य अभी बाकी हैं। बहुउद्देशीय भवन का निर्माण जल्द पूरा हो जाएग तो प्रयागराज की रैंकिंग अंडर 20 शहरों में आ जाएगी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। कुंभनगरी प्रयागराज में विकास कार्यों की रफ्तार अत्यंत सुस्त है। कहने को प्रयागराज स्मार्ट सिटी में चयनित है, लेकिन उसके काम अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रहे हैं। जो काम हुए हैं निगरानी के अभाव में उनकी स्थिति अत्यंत खराब है।
यही कारण है कि केंद्रीय आवास एवं शहरीय कार्य मंत्रालय की रैंकिंग में प्रयागराज काफी पिछड़ गई है। मंत्रालय की ओर से जारी रैंकिंग में सूरत अव्वल है, वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी दूसरे स्थान पर है। इसमें प्रयागराज को 33वीं रैंक मिली है। मंत्रालय की ओर से बेहतर विकास कार्यों के लिए 500 अंक निर्धारित है। इसमें प्रयागराज को 400.58 अंक मिले हैं।
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केंद्र सरकार ने देश के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित किया है। इन शहरों को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त करने के लिए तमाम कार्य कराए जा रहे हैं। इसके तहत पाथवे, बस स्टैंड, सड़कें, मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में ट्रैक, ग्रीन शवदाह गृह, स्ट्रीट लाइट, ओपन एयर जिम, सीसीटीवी कैमरा, पब्लिक बाइक शेयरिंग, स्मार्ट क्लासेज, स्मार्ट लाइब्रेरी आदि काम कराए गए हैं।
वहीं, वहीं, डाग पार्क, बुजुर्गों के लिए सीनियर सिटीजन केयर सेंटर, दिव्यांगों के लिए पार्क बनाया जा रहा है। जो काम हुए हैं उनकी गुणवत्ता अत्यंत खराब है। अधिकतर बस स्टैंड, उसकी सीट टूट चुकी है। ओपन एयर जिम, पाथवे, पब्लिक बाइक शेयरिंग की स्थिति अत्यंत खराब है। अधिकतर टूट चुके हैं। गुणवत्ता में गड़बड़ी होने के कारण आमजन को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे रैंकिंग में शहर पिछड़ गया है।
इसे भी पढ़ें-यूपी के इस जिले में 86 गांवों में रिक्त पंचायत सहायक पद पर तैनाती शुरू, 30 जून तक आप भी कर सकते हैं आवेदनयह रैंकिंग खास मायने नहीं रखतीस्मार्ट सिटी मिशन प्रयागराज के मिशन मैनेजर संजय रथ कहते हैं कि यह रैंकिंग खास मायने नहीं रखती है, क्योंकि जिस शहर में जो विकास कार्य पूरा हो जाता है। उसका विवरण मंत्रालय की वेबसाइट पर आनलाइन करने पर रैंकिंग तुरंत बढ़ जाती है।
बताया कि प्रयागराज में 930 करोड़ रुपये की धनराशि विकास कार्य के लिए आवंटित हुई थी। इसमें से 860 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत चयनित कार्यों में 90 प्रतिशत कार्यों को कराया जा चुका है। छोटे-बड़े 104 कार्यों को पूरा किया जा चुका है। पांच कार्य अभी बाकी हैं। बहुउद्देशीय भवन का निर्माण जल्द पूरा हो जाएग तो प्रयागराज की रैंकिंग अंडर 20 शहरों में आ जाएगी।
जल्द सुधरेगी स्थिति : महापौरमहापौर गणेश केसरवानी का कहना है कि महाकुंभ को लेकर शहर में तमाम विकास कार्य कराए जा रहे हैं। जो चार-माह महीने के अंदर पूरे हो जाएंगे। इससे प्रयागराज की रैंकिंग टाप थ्री में आ जाएगी। रैंकिंग लगातार बेहतर बनी रहे, उस दिशा में बेहतर काम कराया जाएगा।
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