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Prayagraj: अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच कर रही SIT पर 1.34 करोड़ खर्च, 15 अप्रैल को हुई थी दोनों की हत्या

Prayagraj News अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआइटी (विशेष जांच दल) और सहयोगी अधिवक्ताओं को राज्य सरकार ने 1.34 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के अनुसचिव प्रभात रंजन द्वारा जारी पत्र से पता चला है कि एसआइटी के सदस्यों एमआइकस क्यूरी सहयोगी अधिवक्ताओं को एकमुश्त मानदेय के भुगतान में यह धनराशि दी गई है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Sat, 26 Aug 2023 08:38 AM (IST)
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अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच कर रही SIT पर 1.34 करोड़ खर्च, 15 अप्रैल को हुई थी दोनों की हत्या

जागरण संवाददाता, प्रयागराज: अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए गठित एसआइटी (विशेष जांच दल) और सहयोगी अधिवक्ताओं को राज्य सरकार ने 1.34 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के अनुसचिव प्रभात रंजन द्वारा जारी पत्र से पता चला है कि एसआइटी के सदस्यों, एमआइकस क्यूरी, सहयोगी अधिवक्ताओं को एकमुश्त मानदेय के भुगतान में यह धनराशि दी गई है।

शूटरों को मौके पर किया गया था गिरफ्तार

उमेश पाल हत्याकांड के बाद अदालत के आदेश पर पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए गए आरोपित अतीक और अशरफ की 15 अप्रैल की रात काल्विन अस्पताल परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गोली मारने वाले तीन शूटरों को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया था।

राज्य सरकार ने इस सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआइटी गठित की, जिसने मौके पर आकर निरीक्षण किया, साक्ष्य देखे और बयान दर्ज किए। इस कांड की जांच स्थानीय स्तर पर गठित तीन सदस्यीय एसआइटी ने करने के बाद तीनों शूटरों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।

जेल में अतीक के बेटे की बैरक का निरीक्षण

एडीएम सिटी मदन कुमार और डीसीपी यमुनानगर संतोष कुमार मीणा ने शुक्रवार को केंद्रीय कारागार नैनी का रूटीन निरीक्षण किया। इस दौरान सब कुछ सामान्य रहा। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने अतीक अहमद के बेटे अली समेत अन्य अपराधियों की हाई सिक्योरिटी सेल तथा बैरक की तलाशी ली।

वहां की सुरक्षा व्यवस्था व जेल प्रशासन द्वारा की जा रही निगरानी को देखा। अधिकारियों ने महिला बैरक, पाकशाला, जेल अस्पताल व क्वारंटाइन सेल का भी निरीक्षण किया। बंदियों से बातचीत के दौरान खाने की गुणवत्ता, जेल मैनुअल के अनुसार दी जाने वाली सुविधाओं को जाना। वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर सिंह ने बताया कि यह रूटीन चेकिंग थी।

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