Prayagraj News: गैंगस्टर के मुकदमे में अतीक के बेटों समेत 12 का बना रिमांड, 20 दिसंबर को होगी सुनवाई
प्रयागराज की जिला अदालत ने उमेश पाल हत्याकांड में आरोपित माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद मोहम्मद उमर अधिवक्ता खान सौलत हनीफ विजय मिश्रा सहित 12 आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा 2(3)(1) के अंतर्गत न्यायिक अभिरक्षा को शर्तों सहित मंजूर किया है। अगली पेशी 20 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने कहा कि प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्तगण के विरुद्ध अभी विवेचना प्रचलित है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। जिला अदालत ने उमेश पाल हत्याकांड में आरोपित माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद, मोहम्मद उमर, अधिवक्ता खान सौलत हनीफ, विजय मिश्रा सहित 12 आरोपितों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट की धारा 2(3)(1) के अंतर्गत न्यायिक अभिरक्षा को शर्तों सहित मंजूर किया है। अगली पेशी 20 दिसंबर को होगी। अली समेत 15 आरोपितों के खिलाफ धूमनगंज थाने पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस की अर्जी पर इन सभी के विरुद्ध न्यायिक अभिरक्षा का रिमांड बनाए जाने हेतु तलब किया गया था। बुधवार को जेल में बंद 12 आरोपितों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। गैंगस्टर मामले के विशेष न्यायाधीश विनोद कुमार चौरसिया ने मुकदमे के विवेचक के प्रार्थना पत्र पर वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी दिनेश कुमार द्विवेदी, संजय कुमार सिंह तथा आरोपितों की ओर से उपस्थित अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनकर दिया।
कोर्ट ने कहा कि प्रस्तुत प्रकरण में अभियुक्तगण के विरुद्ध अभी विवेचना प्रचलित है। इस स्तर पर अभियुक्त अली अहमद को गैंग लीडर एवं अभियुक्तगण से हस्तगत मामले में पूछताछ किया जाना एवं उनका विवेचना में सम्मिलित होना समीचीन प्रतीत होता है। रिमांड अभिरक्षा में भेजे जाने हेतु इस स्तर पर उपलब्ध पुलिस प्रपत्रों के अनुसार प्रथमदृष्टया मामला बनता है।
अदालत की शर्त
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- वरिष्ठ जेल अधीक्षक नैनी एवं जेल अधीक्षक जिला कारागार लखनऊ को आदेशित किया जाता है कि यदि अभियुक्तगण द्वारा अपने-अपने अधिवक्ता से मिलने के लिए या उनसे विधिक सलाह के लिए इच्छा प्रकट की जाए तो उन्हें विधिक प्रविधानों के अनुसार मिलने का और विधिक सलाह प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाए। इस संदर्भ में विवेचक एवं अभियुक्तगण के अधिवक्ता, विधिक प्राविधानों का अनुपालन करना सुनिश्चित करें।
- चूंकि अभियुक्तगण को न्यायालय के सम्मुख प्रथम न्यायिक अभिरक्षा हेतु प्रस्तुत किया गया है। इसलिए न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने संबंधी यथोचित सूचना आवेदकगण/अभियुक्तगण की इच्छानुसार उसके परिवार, रिश्तेदार को न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने की सूचना प्रदान करें।
- विवेचक को यह भी आदेशित किया जाता है कि उपरोक्त सभी अभियुक्तगण के न्यायिक अभिरक्षा वारंट आज ही न्यायालय से प्राप्त करके उन्हें अभियुक्तगण के निरुद्ध कारागारों में अविलंब दाखिल कराएं। अभिरक्षा वारंट प्राप्ति की रसीद दिनांक चार नवंबर, 2024 को न्यायालय में दाखिल करना सुनिश्चित करें।
- अभियुक्तगण नियत तिथि 20 दिसंबर, 2024 को कारागार से जरिये वीडियो कान्फ्रेंसिंग तलब होकर न्यायालय के समक्ष उपस्थित हों।