Prayagraj News: दो गुटों में बंटा अखाड़ा परिषद, निर्मोही अनी अखाड़ा के बहिष्कार का एलान
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास के बहिष्कार का निर्णय लिया है। आरोप है कि उन्होंने अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्षों के खिलाफ अपशब्द कहे थे। इसके अलावा जो अखाड़े समर्थन करेंगे उनका भी बहिष्कार होगा। जल्द ही परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया जाएगा। हालांकि राजेंद्र दास ने आरोपों को नकारा है।
निरंजनी अखाड़ा गुट भारी
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद अत्यंत गरिमापूर्ण है। अभी तक जो अध्यक्ष रहे हैं, उन्होंने समस्त अखाड़ों के हित में काम किया है। राजेंद्र दास ने उनके प्रति अनर्गल बातें कहकर सबकी भावनाओ को ठेस पहुंचाया है। यह अनुशासनहीनता है, जिसके चलते उनका बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है। अगर उनका अखाड़ा अथवा जो अखाड़े उनके साथ रहेंगे उनका भी बहिष्कार किया जाएगा। इसका प्रस्ताव जल्द अखाड़ा परिषद की बैठक में पारित किया जाएगा।
-महंत हरि गिरि, महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद
बैठक में आ गई थी हाथापाई की नौबत
छह अक्टूबर को प्रयागराज स्थित परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ मेला को लेकर 13 अखाड़ों के संतों के साथ बैठक की। इसमें राजेंद्र दास ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि इनकी कार्यप्रणाली अखाड़ों के खिलाफ रही है। इससे अखाड़ों का विकास रुका है। इसका श्री महंत रवींद्र पुरी ने कड़ा विरोध किया। इससे हाथापाई की नौबत आ गई थी। इसे गंभीरता से लेते हुए अखाड़ा परिषद ने राजेंद्र दास का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।यह भी पढ़ें: Maha Kumbh 2025: कुंभ की संवाद परंपरा को पुनर्जीवित कर रही है योगी सरकार, प्रयागराज में होगा कॉन्क्लेव का आयोजनमेरी छवि खराब करने के लिए मेरे ऊपर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं। मैंने अखाड़ा परिषद के किसी अध्यक्ष के खिलाफ कुछ नहीं बोला है।
-श्री महंत राजेंद्र दास, अध्यक्ष निर्मोही अनी अखाड़ा