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बुआ के घर रहने पहुंचे अतीक के बेटे तो मकान मालिक ने खाली कराया घर, इसी इलाके में कभी बोलती थी माफिया की तूंती

Atiq Ahmed Son प्रयागराज के गंगा कछार में बसा है हटवा गांव। मारे जा चुके माफिया अशरफ की ससुराल होने की वजह से चर्चित हटवा गांव इन दिनों फिर सुर्खियों में है। वजह ये कि अतीक के दो बेटों को बाल गृह से बुआ परवीन की सुपुर्दगी में देकर इसी गांव के एक मकान में रखा गया है। यह मकान है अशरफ के सगे साढ़ू अरशद का।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Thu, 12 Oct 2023 12:28 PM (IST)
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बुआ के घर रहने पहुंचे अतीक के बेटे तो मकान मालिक ने खाली कराया घर
अंकुर त्रिपाठी, प्रयागराज। जिला मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर गंगा कछार में बसा है हटवा गांव। मारे जा चुके माफिया अशरफ की ससुराल होने की वजह से चर्चित हटवा गांव इन दिनों फिर सुर्खियों में है।

वजह ये कि अतीक के दो बेटों को बाल गृह से बुआ परवीन की सुपुर्दगी में देकर इसी गांव के एक मकान में रखा गया है। यह मकान है अशरफ के सगे साढ़ू अरशद का। अशरफ की तरह यह परिवार भी पुलिस रिकार्ड में अपराधी प्रवृत्ति का है।

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अरशद के अब्बा अंसार अहमद भी हैं हिस्ट्रीशीटर

पुलिस से पता चला कि अरशद का अब्बा अंसार अहमद भी हिस्ट्रीशीटर है। चौंकाने वाली बात यह कि वह पीएसी से रिटायर है। अरशद का एक बेटा अल्तमश कुछ दिन पहले सेंट्रल जेल से छूटकर आया है। वह अतीक के बेटे अली का दोस्त है। अली के लिए 30 लाख रुपये रंगदारी मांगने के मुकदमे में करेली थाने पुलिस ने अगस्त में अल्तमश को गिरफ्तार किया था।

अब अतीक के दोनों बेटे एहजम और अबान बाल गृह से निकलने के बाद ऐसे ही लोगों के बीच हटवा के मकान में है। उन दोनों को बाल गृह से सुपुर्दगी में लेने वाली बुआ परवीन मध्य प्रदेश के बालाघाट में ब्याही है लेकिन रिटायर हो चुके पति के साथ कसारी-मसारी में किराए के घर में रहने लगी थी।

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मकान मालिक ने अतीक के बेटों को नहीं दी रहने की मंजूरी

मकान मालिक ने अतीक के बेटों को रखने की मंजूरी नहीं दी तो बुआ उन्हें लेकर हटवा गांव में रिश्तेदार के यहां आ गई। हालांकि पुलिस ने हटवा के इस मकान और परिवार का भी वेरीफिकेशन किया और कोई आपत्ति नहीं की।

बुधवार दोपहर जागरण टीम हटवा गांव पहुंची। शहर से पूरामुफ्ती की तरफ जाते वक्त सल्लाहपुर से कुछ पहले दाहिनी तरफ बसा है हटवा। गलियों में ज्यादातर सन्नाटा ही दिखा। घरों के बाहर ही एक-दो लोग बैठे थे।

गेट पर मौजूद है पुलिस

जीटी रोड से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर गांव का सबसे आखिरी मकान अरशद का है। इस घर के सामने तीन किलोमीटर तक कछार के बाद गंगा नदी है। यह पुश्तैनी मकान खासा पुराना हो चुका है। गेट के सामने दो हथियारबंद सिपाही खड़े दिखे। इन दोनों को पुलिस लाइन से सुरक्षा ड्यूटी पर भेजा गया है। वे आने-जाने वालों पर निगाह रखते हैं।

पता चला कि अतीक के दो बेटों के आने पर परिवार ने खुद मकान में सात सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं। तीन बाहर की तरफ और चार अंदर की ओर। कुछ दूरी पर कई लड़के पेड़ के पास बैठे इसी मकान की तरफ देख रहे थे। इसी बीच पूरामुफ्ती पुलिस टीम गश्त करते हुए उधर आ गई।

गांव की बढ़ाई गई निगरानी

थानाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि इस गांव में निगरानी बढ़ा दी गई है। बातचीत में पता चला कि अशरफ की बीवी जैनब भी फरार होने से पहले इसी घर में अपनी बहन शबाना के पास रहती थी।

दरअसल, अशरफ की पत्नी-बच्चे समेत ससुराल का पूरा परिवार साले जैद के तीन मंजिला आलीशान मकान में रहता था। उस मकान को दो वर्ष पहले अवैध होने की वजह से ढहा दिया गया था। फिर जैनब बच्चों के साथ बहन के घर में रहने लगी थी।

दिन भर सोना, तीन बजे नहाना

बातचीत के दौरान मकान का गेट खुला। तीन-चार युवक बाहर आए। उनमें एक के बारे में बताया गया कि वह अल्तमश है। जैनब की बहन शबाना का बेटा अल्तमश रंगदारी मामले में कुछ दिन पहले जेल से छूटकर आया है। इनसे अतीक के बेटों एहजम और अबान के बारे में पूछा।

बताया कि वे दोनों अभी सोकर उठे। नहाने की तैयारी कर रहे हैं। फिर दोपहर का खाना खाएंगे। यह भी बताया कि बाल गृह से आने के बाद वे अभी फोन पर बात नहीं कर रहे हैं। बहुत करीबी लोग ही मिलने आए हैं।

यहीं से उठाया था जैनब-आयशा को

उमेश पाल हत्याकांड के बाद अशरफ की पत्नी जैनब और मेरठ से आई बहन आयशा नूरी को दो बेटियों समेत हटवा के इसी घर से पुलिस ने उठाया था। तीन दिन तक पूछताछ के बाद 151 में चालान कर छोड़ा गया था। रिहा होने पर जैनब और आयशा ने मीडिया के सामने आकर पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे।

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